Page 15 - Mann Ki Baat - Hindi
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बाघ संरक्षण क लिए
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जनभागीदारी
अंतरराष्टीय
बाघ ददवस
्बसेरों में से एक िै। यिाँ के सथानीय कई प्रयास रारी िैं। मैंने यिाँ कुछ िी
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समुदायों, टवशेषकर गोंड और माना प्रयासों की चचा्थ की िै, लटकन मुझे िुशी
रनराटत के िमारे भाई-्बिनों ने इको- िै टक रन-भागीदारी ्बाघों के संरक्ण में
टटूरऱजम की ओर तज़ी से कदम ्बढ़ाए ्बिुत काम आ रिी िै। ऐसे प्रयासों की
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िैं। उनिोंने रंगल पिर अपिनी टनभ्थरता वरि से िी भारत में ्बाघों की आ्बादी
को कम टकया िै ताटक यिाँ ्बाघों की िर साल ्बढ़ रिी िै। आपिको ये रानकर
गटतटवटधयाँ ्बढ़ सकें। आपिको आंध्र िुशी और गव्थ का अनुभव िोगा टक
प्रदेश में नललामलाई की पििाटड़यों पिर दटनयाभर में टरतने ्बाघ िैं, उनमें से 70
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रिने वाले ‘चेंचू’ रनराटत के प्रयास भी प्रटतशत ्बाघ िमारे देश में िैं। सोटचए!
िैरान कर देंगे। उनिोंने टाइगर ट्ैकस्थ के 70 प्रटतशत ्बाघ!! तभी तो िमारे देश के
तौर पिर रंगल में वनय रीवों के मूवमेंट अलग-अलग टिससों में कई टाइगर
की िर रानकारी रमा की। इसके सैंकचएरीज़ िैं।
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साथ िी वे क्ेरि में अवैध गटतटवटधयों की साटथयो, ्बाघ ्बढ़ने के साथ-साथ
टनगरानी भी करते रिे िैं। इसी तरि िमारे देश में वन क्ेरि भी तज़ी से ्बढ़
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उत्तर प्रदेश के पिीलीभीत में चल रिा रिा िै। इसमें भी सामुदाटयक प्रयासों स े
‘्बाघ टमरि काय्थक्रम’ भी ्बिुत चचा्थ में ्बड़ी सफलता टमल रिी िै। टपिछले ‘मन
िै। इसके तित सथानीय लोगों को ‘्बाघ की ्बात’ काय्थक्रम में आपिसे ‘एक पिेड़
टमरि’ के रूपि में काम करने की ट्ेटनंग माँ के नाम’ काय्थक्रम की चचा्थ की थी।
दी राती िै। ये ‘्बाघ टमरि’ इस ्बात का मुझे िुशी िै टक देश के अलग-अलग
पिूरा धयान रिते िैं टक ्बाघों और इंसानों टिससों में ्बड़ी संखया में लोग इस
के ्बीच टकराव की मसथटत ना ्बने। देश अटभयान से रुड़ रिे िैं। अभी कुछ टदन
के अलग-अलग टिससों में इस तरि के पििले सवचछता के टलए प्रटसद् इंदौर में
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