Page 25 - MKV (Hindi)
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शुरुआत से ही ‘मन की ब़ात’ जन इचतह़ास के अँचधय़ारे क़ालों
आन्ोलन के एक प्रभ़ावी स़ाधन के रप में से एक कोचवड क़ाल
में उभऱा, चजसने ्ेश भर में स़ाम़ाचजक के ्ौऱान ‘मन की
अचभय़ानों में समु़्ायों को श़ाचमल होने के ब़ात’ अपने स़ाि आश़ा
चलए प्रेररत चकय़ा। सवच् भ़ारत अचभय़ान की एक चकरण
क़ा आरमभ हो य़ा भ़ारत के चखलौऩा लेकर आती िी, चवशेषकर
उद्ोग को चिर से सि़ाचपत करऩा, उन लोगों के चलए, जो आइसोलेशन
कुत्ों की भ़ारतीय नसलों के में िे।
प्रचत ज़ागरकत़ा बढ़़ाऩा सरक़ार के चवचभन्न पहलुओं को
हो य़ा हर घर उज़ागर करने के अल़ाव़ा प्रध़ानमंत्री
‘मन की ब़ात’ के म़ाधयम से चवचभन्न
चतरंग़ा अचभय़ान... महत्वपूण्व चवषयों जैसे– सव़ासरय, खेल,
ये जन आन्ोलन के ऐसे नव़ाि़ार, पय़ा्ववरण, सवच् ऊज़ा्व आच्
कु् उ़्ाहरण हैं, चजनमें ‘मन की पर जनत़ा को चशचक्त भी करते हैं। ‘मन
ब़ात’ ने महत्वपूण्व भूचमक़ा चनभ़ाई और की ब़ात’ क़ाय्वक्रम प़ारमपररक भ़ारतीय
्ेशव़ाचसयों को इन संकलपों से जोड़़ा। संसकृचत, कल़ा और चवऱासत उज़ागर
यह़ाँ तक चक संकि क़ाल में भी करके लोगों को उनकी जड़ों से जोड़ने
इस क़ाय्वक्रम ने लोगों को सरक़ार पर भी केसनद्त है। क़ाय्वक्रम में अकसर
वे
के कलय़ाणक़ारी उप़ायों के ब़ारे में योग और आयुव् क़ा चजक्र चकय़ा ज़ात़ा
ज़ानक़ारी ्ी। चवशव सव़ासरय संग्न है, चजससे उनकी बढ़ती लोकचप्रयत़ा को
द़्ाऱा कोचवड-19 को वैसशवक मह़ाम़ारी की बढ़़ाव़ा चमलत़ा है। अपने समबोधन में
घोषण़ा चकए ज़ाने के ब़ा् प्रध़ानमंत्री ने प्रध़ानमंत्री ने समय-समय पर भ़ारत की
अपने ‘मन की ब़ात’ के अनेक
प्रस़ारणों में केवल इस बीम़ारी
की िि़ा्व की और सरक़ार के
चवचभन्न उप़ायों और पहलों
की ज़ानक़ारी ्ी, चजनसे
ऩागररक ल़ाभ उ़्ा सकते
िे। प्रध़ानमंत्री ने लॉकड़ाउन
के ्ौऱान हम़ारे म़ानचसक
सव़ासरय के जोचखम की भी
चवसत़ार से िि़ा्व की। म़ानवीय
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