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                                                                    ँ
          भैय़ा ! कैसे हैं आप ?             कैसे हम़ारे जैसे लोगों को आप ढढ लेत  े
              प्र्ीप जी : सर बहुत बचढ़य़ा। आपकी   हैं। कौन इतनी ्ूर-्ऱाज एररय़ा में क़ाम
          आव़ाज सुनकर और भी अच़्ा।          करत़ा है। चहम़ालय के क्ेत्र में ज़ाके ब्
                                                                        ै
                                                                      ू
              प्रध़ानमत्री जी : आपने चहम़ालय को   के हम क़ाम कर रहे हैं। इस एिीट्ड प  े
                   ं
          हील करने की सोिी।                 हम क़ाम कर रहे हैं। वह़ाँ पे आपने ढढ़़ा
                                                                       टू
                                                                       ँ
              प्र्ीप जी : ह़ाँ जी सर।       हमें। हम़ारे क़ाम को ्चनय़ा के स़ामन  े
                                                             ु
                   ं
              प्रध़ानमत्री जी : अचभय़ान भी िल़ाय़ा।   ले के आए, तो मेरे चलए बहुत इमोशनल
          आजकल आपक़ा कैमपन कैस़ा िल रह़ा    मोमेंि ि़ा, तब भी और आज भी चक मैं जो
          है ?                              हम़ारे ्ेश के जो प्रिम सेवक हैं, उनसे मैं
              प्र्ीप जी : सर बहुत अच़्ा िल रह़ा   ब़ातिीत कर प़ा रह़ा हँ। मेरे चलए इससे
                                                            ू
          है। 2020 से ऐस़ा म़ाचनए चक चजतऩा क़ाम   बड़े सौभ़ागय की ब़ात नहीं हो सकती।
          हम प़ाँि स़ाल में करते िे, अब वो एक   प्रध़ानमत्री  जी  :  प्र्ीप  जी  !  आप
                                                     ं
          स़ाल में हो ज़ात़ा है।            तो  चहम़ालय  की  िोचियों  पर  सच्  अि्व
                                                                     े
                   ं
              प्रध़ानमत्री जी : अरे व़ाह !  में स़ाधऩा कर रहे हैं और मुझे पकक़ा
              प्र्ीप  जी  :  ह़ाँ  जी,  ह़ाँ  जी,  सर।   चवशव़ास  है  अब  आपक़ा  ऩाम  सुनते  ही
          शुरुआत बहुत नव्वस हुई िी। बहुत डर ि़ा   लोगों को य़ा् आ ज़ात़ा है चक आप कैस  े
          इस ब़ात को लेके चक चजन्गी भर ये कर   पह़ाड़ों की सवच्त़ा अचभय़ान में जुड़े हैं।
          प़ाएँगे चक नहीं कर प़ाएँगे, पर िोड़़ा सपोिटि   प्र्ीप जी : ह़ाँ जी सर।
          चमल़ा और 2020 तक हम बहुत सट्रगल      प्रध़ानमत्री  जी  :  और  जैस़ा  आपन  े
                                                     ं
          भी  कर  रहे  िे  अॉनेसिली।  लोग  बहुत
          कम जुड़ रहे िे। बहुत स़ारे ऐसे लोग िे,
          जो चक सपोिटि नहीं कर प़ा रहे िे। हम़ारी   आजादी के अमृति महोतिि में
          मचहम को इतऩा तवज्जो भी नहीं ्े रहे िे,   हमारे देश के हर वजले में
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          बि 2020 के ब़ा् जब ‘मन की ब़ात’ में    कम-िे-कम 75 अमृति िरोिर
          चजक्र हुआ, उसके ब़ा् बहुत स़ारी िीज  ें    बनाए रा िकतिे हैं।
          ब्ल गईं। मतलब पहले हम स़ाल में 6-7
          कलीचनंग ड़्ाइव कर प़ाते िे, 10 कलीचनंग
          ड़्ाइव कर प़ाते िे। आज की डेि में हम
                                      ्
          डेली  बेसेस  पे  प़ाि  िन  किऱा  इकि ़्ा
                       ँ
          करते हैं, अलग-अलग लोकेशन से।
                   ं
              प्रध़ानमत्री जी : अरे व़ाह !
              प्र्ीप जी : ‘मन की ब़ात’ में चजक्र
          होने के ब़ा् आप सर चबलीव करें मेरी
          ब़ात को चक मैं ऑलमोसि चगव-अप करन  े
          की सिेज पर ि़ा एक ि़ाइम पे और उसके
          ब़ा् चिर बहुत स़ाऱा ब्ल़ाव आय़ा मेर  े
          जीवन में और िीज इतनी सपीड-अप हो
                         ें
          गईं चक जो िीजें हमने सोिी नहीं िीं। सो
                        ं
          आई एम चरयली िैकिल चक पत़ा नहीं
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