Page 66 - Mann Ki Baat - Hindi
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संसकर का पुनरा्तगिण
कृ
प्रथाचीन भथारथा में नई जथान फूँकती युवथा आवथाज़ें
्सुबह की हलकी धूप शहर की गक्लयों में उतिर रही है। एक युवा मोबाइल कैमरा ऑन
करतिा है, हा् में बलला पकडतिा है और अचानक हवा को चीरतिी हुई एक आवाज़ ्सुनाई
देतिी है- भ्ातिः, नूतिनं कनदुकं गृह्नातिु... (भाई, ये नई गेंद लो) और क्फर बलले के सवीट सपॉट
्से गेंद के टकराने पर क्नकलने वाली टक-टक की ्सुरीली आवाज़ें कानों में र्स घोलना
शुरू कर देतिी हैं। इ्सी बीच वो अनोखे सवर क्फर ्से गूँज उठतिे हैं- इमं कनदुकं ्सावधानेन
पशय, च रटकाय तिािय। (इ्स गेंद पर नज़रें जमाए रखो, और क्फर एक ज़ोरदार छ्के
के क्लए क्हट कर दो)
कृ
क्रिकेट और ्संसकति का यह अद ्भुति ्संगम क््सफकि एक Reel नहीं है। यह नई पीढ़ी
की उ्स बदलतिी हुई ्सोच का प्रतिीक है क्ज्स्से ्संसकति भारा क्फर जीक्वति हो रही है।
कृ
और यह युवक यश ्संजय ्सालुंके इ्स पुनजा्षगरण के चमकतिे हुए चेहरों में ्से एक है।
कृ
्सोशल मीक्िया की बदलतिी दुक्नया ने ्संसकति को एक नया जीवन, नई आतमा और
नई पहचान दी है। युवा कंटेंट क्रिएटर आज इ्स भारा को ्संवाद, क्शक्ा, ्संगीति, हासय और
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