Page 16 - Mann Ki Baat Hindi(MAY-2023)
P. 16
ं
प्ासफगक है। कबीरदास जी कहते थे–
“कबीरा कुआँ एक है, पानी भरें
अनेक।
बत्यन में ही भेद है, पानी सब में
एक।”
यानी कुएँ पर भले फभन्न-फभन्न
तरह के लोग पानी भरने आएँ, लफकन
े
कुआँ फकसी में भेद नहीं करता, पानी
तो सभी बत्यनों में एक ही होता है। संत
कबीर ने समाज को बाँटने ्ाली हर
“कबीरा कुआँ एक है, कुप्था का फ्रोध फकया, समाज को
पानी भरें अनेक। जागृत करने का प्यास फकया। आज,
जब देश फ्कफसत होने के संकलप के
बर्तन में ही भेद है, साथ आगे बढ़ रहा है, तो हमें संत कबीर
े
पानी सब में एक।।” से प्रणा लेते हुए, समाज को सशकत
करने के अपने प्यास और बढ़ाने
तयाग, साहस और संकलप-शककत स े चाफहए।
जुड़ी गाथाएँ आज भी हम सबको प्ेररत
करती हैं। मैं, ्ो फदन भूल नहीं सकता, मेरे पयारे देश्ाफसयो, अब मैं आपस े
जब मैं अंडमान में, उस को्ठरी में गया देश की एक ऐसी महान हसती के बारे में
ू
था, जहाँ ्ीर सा्रकर ने कालापानी चचा्य करने जा रहा हँ, फजनहोंने राजनीफत
की सजा काटी थी। ्ीर सा्रकर और फिलम जगत में अपनी अद भुत
्
का वयककतत् दृढ़ता और फ्शालता प्फतभा के बल पर अफमट छाप छोड़ी।
से समाफहत था। उनके फनभमीक और इस महान हसती का नाम है एन.टी.
स्ाफभमानी स्भा् को गुलामी की रामारा्, फजनहें हम सभी एन.टी.आर
मानफसकता फबलकुल भी रास नहीं आती (NTR) के नाम से भी जानते हैं। आज
थी। स्तनत्रता आनदोलन ही
नहीं, सामाफजक समानता
और सामाफजक नयाय के
फलए भी ्ीर सा्रकर न े
फजतना कुछ फकया, उस े
आज भी याद फकया जाता है।
साफथयो, कुछ फदन बाद
4 जून को संत कबीरदास जी
की भी जयंती है। कबीरदास
जी ने जो माग्य हमें फदखाया
है, ्ो आज भी उतना ही
12