Page 11 - Mann Ki Baat Hindi(MAY-2023)
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          तो इस य्ा संगम का फिर ‘एक भारत-   कमपफनयों  के  CEO,  फबजनेस  लीडस्य,
          श्ेष््ठ भारत’ का और फिर तफमलनाडु   उनहोंने  बैग-पैकस्य  की  तरह  भारत  में
          में  अपनापन  जो  फमला,  जो  आपका   समय  गुजारा  है।  मैं  जब  दूसरे  देशों
                                                              ू
          स्ागत-सतकार  हुआ।  तफमल  लोगों    के  लीडस्य  से  फमलता  हँ,  तो  कई  बार
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          का पयार फमला, ये सारी चीजें देश को   ्ो भी बताते हैं फक ्ो अपनी य्ा्सथा
          बताइए आप; तो फलखोगी आप ?          में भारत घूमने के फलए गए थे। हमार  े
              फ्शाखा जी :  जी जरूर !        भारत में इतना कुछ जानने और देखन  े
                   ं
                                                                  ु
              प्धानमत्री जी : तो मेरी तरफ़ स  े  के  फलए  है  फक  आपकी  उतसकता  हर
          आपको बहुत शुभकामना है और बहुत-    बार बढ़ती ही जाएगी। मुझे उममीद है
          बहुत धनय्ाद।                      फक इन रोमांचक अनुभ्ों को जानकर
              फ्शाखा  जी  :  जी  thank  you  so   आप भी देश के अलग-अलग फहससों की
                                                            े
          much। नमसकार।                     यात्रा के फलए जरूर प्ररत होंगे।
              गयामर और फ्शाखा आपको मेरी
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          बहुत-बहुत  शुभकामनाएँ।  य्ा  संगम    मेरे  पयारे  देश्ाफसयो,  कुछ  फदन
          में  आपने  जो  सीखा  है,  ्ो  जी्नपयिंत   पहले ही मैं जापान में फहरोफशमा में था।
          आपके साथ रहे, यही मेरी आप सबके    ्हाँ  मुझे  फहरोफशमा  पीस  मेमोररयल
          प्फत शुभकामना है।                 मयूफजयम  में  जाने  का  अ्सर  फमला।
              साफथयो, भारत की शककत इसकी     ये  एक  भा्ुक  कर  देने  ्ाला  अनुभ्
          फ्फ्धता में है। हमारे देश में देखने के   था।  जब  हम  इफतहास  की  यादों  को
          फलए बहुत कुछ है। इसी को देखते हुए   संजोकर  रखते  हैं  तो  ्ो  आने  ्ाली
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          एजुकेशन  फमफनसट्री  ने  ‘य्ा  संगम’   पीफढ़यों की बहुत मदद करता है। कई
          नाम  से  एक  बेहतरीन  पहल  की  है।   बार मयूफजयम में हमें नए सबक फमलत  े
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          इस पहल का उद्शय ‘पीपुल टटू पीपुल
          कनेकट’  बढ़ाने  के  साथ  ही  देश  के
          य्ाओं को आपस में घुलने-फमलने का
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          मौका  देना।  फ्फभन्न  राजयों  के  उच्च
          फशक्ा  संसथानों  को  इससे  जोड़ा  गया
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          है।  ‘य्ा  संगम’  में  य्ा  दूसरे  राजयों
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          के  शहरों  और  गा्ों  में  जाते  हैं,  उनहें
          अलग-अलग  तरह  के  लोगों  के  साथ
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          फमलने का मौका फमलता है। य्ा संगम
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          के िसट्ट राउिंड में लगभग 1200 य्ा,
          देश  के  22  राजयों  का  दौरा  कर  चुके
          हैं।  जो  भी  य्ा  इसका  फहससा  बने  हैं,
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          ्े  अपने  साथ  ऐसी  यादें  लेकर  ्ापस
          लौट रहे हैं, जो जी्नभर उनके हृदय में
          बसी रहेंगी। हमने देखा है फक कई बड़ी


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