Page 56 - Mann Ki Baat - Hindi
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नशीली ि्ाओं के खतिे को ्खतम किने   के  रूप  में  काम  किती  हैं,  जो  नशीली
        के दलए काम किने ्ाले ज़मीनी-सति   ि्ाओं के वयसन के ्ासतद्क परिणामों
        के योद्ाओं की सिाहना की औि कहा    औि  इससे  उबिने  की  समभा्नाओं
        दक नशीले पिाि्व अपने साि अंधकाि,   को िशा्वती हैं। दडदजटल युग में सोशल
        औि द्नाश लाते हैं। प्भा्ी जागरूकता   मीदडया  पलेटिॉम्व  अतयदधक  प्भा्
                          ृ
        अदभयान  बहुआयामी  िश्टकोण  अपना   डालते हैं। इन पलेटिामथों पि अदभयान,
        िहे हैं, यु्ाओं तक पहुँिने के दलए द्दभन्न   यु्ाओं का धयान ्खींिने के दलए ्ीदडयो,
        िैनलों का उपयोग कि िहे हैं।  सककूल,   ग्रादिकस, िुनौदतयों औि लाइ् सत् जैसी
                         रें
        कॉलेज, सामुिादयक कद्र औि दडदजटल   न्ीन िणनीदतयों का उपयोग किते हैं।
        पलेटिॉम्व  सूिना  प्सारित  किने  औि   सोशल मीदडया की ्ायिल प्कृदत यह
        ििा्वएँ शुरू किने में महत््पूण्व भूदमका   सुदनश्ित  किती  है  दक  जागरूकता
        दनभाते हैं। सेदमनाि, काय्वशालाएँ, सं्ाि   सनिेश बड़ी संखया में िश्वकों तक पहुँिे,
        सत्  औि  सूिनातमक  सामग्री  यु्ाओं   दजससे  ऐसी  बातिीत  दछड़ती  है,  जो
        को सीधे तौि पि जोड़ते हैं, समझ औि   मानिंडों औि दमिकों को िुनौती िेती है।
        सहानुभूदत  को  बढ़ा्ा  िेते  हैं।  मान्ीय   जागरूकता  में  महत््पूण्व  बाधाओं
        कहादनयों  में  जुड़ने  औि  समझने  की   में  से  एक  इस  लत  से  लगने  ्ाला
        अदद्तीय क्मता होती है। ऐसे वयशकतयों   कलंक  है।  ऐसा  माहौल  बनाना  ज़रूिी
        की कहादनयाँ साझा किना, दजनहोंने नशे   है, जहाँ मिि माँगने को प्ोतसादहत दकया
        की लत पि द्जय प्ापत की है या इसके   जाए, न दक वयसन किने ्ाले वयशकत
        द्नाशकािी  प्भा्ों  का  अनुभ्  दकया   का  दतिसकाि  दकया  जाए।  मानदसक
        है, सहानुभूदत का एक पुल बनाता है। ये   स्ासरय पेशे्ि, दशक्क औि समुिाय के
        कहादनयाँ  सजग  किने  ्ाली  सामग्री   नेता नशे के बािे में बातिीत को सामानय
                                          बनाकि इस कलंक को ्खतम किने में
























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