Page 54 - Mann Ki Baat - Hindi
P. 54
े
नशीले पदार्थों क प्रवत र्ागरूक हो
ैं
आगे बढ़ रह ह युिा
े
नशे की लत, न दसफ़्फ परि्ाि, भाित की द्द्ध औि बढ़ती आबािी
बशलक पिे समाज के दलए बड़ी के बीि यु्ाओं का सिान महत््पूण्व है,
ू
पिेशानी बन जाती है। ऐसे में यह जो आशा, आकांक्ाओं औि िा्ट् को
खतिा हमेशा के दलए ्खतम हो, इसके आगे बढ़ाने की क्मता का प्तीक है,
दलए ज़रूिी है दक हम सब एकजुट लेदकन इस आशाजनक परिि्य में
ृ
होकि इस दिशा में आगे बढ़ें। दनिाश कि िेने ्ाली बात है– यु्ा पीढ़ी
े
-प्धानमंत्ी निनद्र मोिी के बीि नशीले पिािथों की लत का बढ़ता
े
(‘मन की बात’ के समबोधन में ) ्खतिा। इस गमभीि मुद् पि जागरूक,
दशदक्त औि यु्ाओं को उनके भद््य
को सशकत बनाने ्ाले द्कलप िुनने के
दलए ठोस प्यास किने की आ््यकता
है।
2018 में सामादजक नयाय औि
अदधकारिता मंत्ालय ने 36 िाजयों औि
रें
कद्रशादसत प्िेशों के 2,00,111 परि्ािों के
बीि मािक पिािथों के उपयोग की आैसत
मात्ा, पैटन्व औि रुझान पि एक िा्ट्ीय
स्देक्ण दकया िा। इसमें पाया गया दक
भाित में सबसे अदधक शिाब का से्न
“हादलया ‘मन की बात’ समबोधन के
िौिान प्धानमंत्ी मोिी द्ािा हमािी दकया जाता है, इसके बाि भांग औि
टीम औि मुझे िी गई गहन सिाहना अिीम का से्न दकया जाता है। बड़ी
को मैं साझा किने के दलए िोमांदित संखया में लोग सेडेदट् औि इनहेलेंट
हूँ। इतने महत््पूण्व मंि पि हमािे जैसे अनय श्रेदणयों के पिािथों का से्न
प्यासों को स्ीकाि दकया जाना औि
उसका जश्न मनाया जाना ्ासत् में किते हैं। िेश की आबािी का एक छोटा
्खुशी की बात है।” सा दहससा कोकीन, एमिैटेदमन प्काि
-समायिा संधू के उत्तेजक पिाि्व औि हेलुसीनोजेन का
नशा मुकत भाित अदभयान उपयोग किता है।
िंडीगढ़ अमबैसडि नशीली ि्ाओं की लत पि काबू पाने
50
50