Page 60 - Mann Ki Baat - Hindi
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समायिा सनधू
                 अदभनेत्ी ए्ं नशा मुकत भाित अदभयान िंडीगढ़ की अमबैसडि


            आशषा, उपचषार और ररकवरी : एक नशषा मुक्त भषारि

            मैं हादलया ‘मन की बात’ समबोधन   को प्भाद्त किते हैं औि इस बात को
        के  िौिान  प्धानमंत्ी  मोिी  द्ािा  हमािी   सममान िेते हैं दक ्ह हमािे दमशन को
        टीम  औि  मुझे  िी  गई  गहन  सिाहना   दकतना महत्् िेते हैं।
        को  साझा  किने  के  दलए  िोमांदित  हूँ।   हमािी  समदप्वत  टीम  दिन-िात
        इतने  महत््पूण्व  मंि  पि  हमािे  प्यासों   अिक परिश्रम किती है, दजसका लक्य
        को  स्ीकाि  दकया  जाना  औि  उसका   न के्ल िंडीगढ़ में, बशलक पूिे िेश में
        जश्न मनाया जाना ्ासत् में ्खुशी की   हमािे नशा मुशकत प्यासों को बढ़ाना है।
        बात है। यह मानयता हमािे उतसाह को   हम  कई  दशद्ि,  शैदक्क  जागरूकता
        औि भी अदधक बढ़ा िेती है, कयोंदक यह   अदभयान  आयोदजत  किते  हैं  औि
        हमािे  समाज  को  एक  सशकत  सनिेश   िंडीगढ़  समाज  कलयाण  द्भाग  द्ािा
                                                               े
        भेजती है। यह सनिेश हमें अपने दमशन   सिादपत  नशामुशकत  एकसप्स  ्ैन  का
        औि अपने नेक उद्े्य को तेज़ी से आगे   उपयोग किते हैं। हमािे पुदलस द्भाग
        बढ़ाने में मििगाि है औि अंततः एक   औि  प्शासन  की  सदक्य  भागीिािी
        नशामुकत िा्ट् बनाने के प्यास के दलए   हमािे उद्े्य को औि भी मज़बूत किती
        प्ोतसादहत किता है। हम प्धानमंत्ी मोिी   है।
        औि उनके काया्वलय को उनके समि्वन       हमािे सामूदहक प्यास उलले्खनीय
        के दलए हादि्वक आभाि वयकत किते हैं।  प्गदत कि िहे हैं औि मेिा िढ़ द्््ास है
                                                              ृ
            मुझे नशा मुकत भाित अदभयान का   दक हम अपने िेश को नशीली ि्ाओं की
        ब्ांड अमबैसडि होने का सममाननीय पि   लत के िंगुल से मुकत किाने में शानिाि
        प्ापत है औि मुझे इस महत््पूण्व उद्े्य   सिलता प्ापत किने की िाह पि हैं। एक
                                                          े
        से जुड़े होने पि बहुत ग््व है। प्धानमंत्ी   बाि दिि मैं इस मुद् पि प्काश डालने
        मोिी द्ािा हाल ही में ‘मन की बात’ में   औि  हमािे  सनिेश  को  बढ़ाने  के  दलए
        हमािे अदभयान का उलले्ख औि उनकी    प्धानमंत्ी के प्दत अपनी गहिी कृतज्ाता
        उिाि सिाहना हमािे दलए बहुत महत््   वयकत  किती  हूँ,  जो  पूिे  िेश  में  गूँज
                                                         टू
        ि्खती  है।  उनके  शबिों  में  गहन  प्भा्   िहा है। आपके अटट समि्वन के दलए
                             े
        है औि ्े जी्न के सभी क्त्ों के लोगों   धनय्ाि।

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