Page 31 - Mann Ki Baat - Hindi
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          की  कहावनयाँ  सुनाएगा,  वजसस  जादुई   है।  जैसा  वक  प्रधानमंत्री  नऱेनद्र  मोदी
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          राम  का  नजारा  बनगा।  इस  तरह    न  दोहराया,  ‘महाकुमभ  भारत  की
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          के  नवाचार,  मल  को  समाव़ेरी  और   अपनी  परमपराओं  का  सममान  करत  ़े
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          आकर्षक  अनुभव  में  बदल  दत  हैं,  जो   हुए  भववषय  में  उनहें  सँजोए  रखन  की
          घरलू और अंतरराषट्ीय दोनों आगंतुकों   क्मता का एक वसीयतनामा है।’ 2025
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          को आकवर्षत करता है।               का  महाकुमभ  मला  न  केवल  आसिा
              एक कालातीत तीि्षयात्रा        का  जश्न  होगा  बनलक  आधयानतमकता
              महाकुमभ मला अनुषठानों के वलए   और  प्रौद्ोवगकी  के  सामंजसयपूण्ष  सह-
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          एक सभा स कहीं अवधक है। यह भारत की   अनसततव का उदाहरण भी प़ेर करगा, जो
          सांसकृवतक ववववधता और आधयानतमक     सांसकृवतक और आधयानतमक समारोहों
          एकता का उतसव है। पारमपररक संगीत,   के वलए वैनशवक मानक सिावपत करगा।
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          नृतय  और  कला  आधुवनक  सुववधाओं   अनुषठानों  और  प्रतीकातमक  कृतयों
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          के साि वमलकर अतीत और वत्षमान      स  पर  यह  तीि्षयावत्रयों  को  आंतररक
          को जोड़न वाला एक बहु-संवदी अनुभव   मीमांसा  और  वदवयता  के  साि  गहर  ़े
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          प्रदान  करत  हैं।  अंतरराषट्ीय  तीि्षयात्री   समबंध बनान का अवसर प्रदान करगा।
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          और आधयानतमकता के साधक भी मल  ़े   आधुवनक  जीवन  की  माँगों  स  अकसर
          के  एकता,  सवहषणुता  और  उतकृषटता   प्रभाववत  दुवनया  में  महाकुमभ  मला
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          के  साव्षभौवमक  संद़ेर  स  आकवर्षत   एकता, पववत्रता और ज्ाान का प्रतीक है।
          होकर  एकवत्रत  होत  हैं।  जीवंत  भीड़   यह कालातीत तीि्षयात्रा एक रनकतराली
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          और  रंग-वबरंग  प्रदरनों  के  बीच  मला   अनुसमारक के रूप में काय्ष करती है वक
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          इसका अनुसमारक है वक आधयानतमक      मानवता  के  वववभन्न  मागषों  के  बावजूद
          पूवत्ष  की  लालसा  एक  सामानय  सूत्र   हम सार रूप स रांवत, आतम-साक्ातकार
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          है,  जो  राषट्ीयता,  भारा  और  ववशवासों   और पववत्रता के प्रवत हम़ेरा कायम रहन  ़े
          स  ऊपर  उठकर  मानवता  को  बाँधती   वाली श्द्ा की साझा यात्रा में एकजुट हैं।
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