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भारतमीय ्संघ लोक ्सेवा आयोग (UPSC) कमी परमीक्षाओं
                             कमी जगनतमी दुजनया कमी ्सब्से कजठन प्रजतसपधथी परमीक्षाओं ्ें
                             होतमी है। हर वष्म लाखों अभयथथी गहन ्स्प्मण, धैय्म और वषषों
                             कमी कड़मी ्ेहनत ्से इनकमी तैयारमी करते हैं जकनतु इन्ें ्से
                             केवल एक छोटा-्सा जहस्सा हमी अंजत् ्समूचमी तक पहुँच पाता
                             है। हालाँजक जो अभयथथी बहुत क् अंतर ्से चयन ्समूचमी
                                           मू
                             ्ें जगह पाने ्से चक जाते हैं वे भमी उतने हमी ्सक्ष् होते
                             हैं। उनहोंने परमीक्षा के जवजभन् चरणों के दौरान शैक्षजणक
                             उतकृषटता, अनुशा्सन, जवशलेषणात्क गहराई और नेतृतव
                             क्ष्ता का पररचय जदया होता है।
                                 दमू्सरमी  ओर,  उद्ोग,  ्साव्मजजनक  क्षेत्  के  उपक्र्
                             (PSUs), शोध ्संसथान और जनजमी जनयोकताओं को कुशल
                             जनशबकत कमी गमभमीर क्मी कमी जशकायत ह्ेशा रहतमी है। वे

         िॉ. अजय कुरार       ठमीक उनहीं गुणों कमी खोज ्ें भतथी, चयन और प्रजशक्षण पर
             अधयक्ष,         भारमी धनराजश ख़च्म करते हैं जो ्संघ लोक ्सेवा आयोग के
         ्संघ लोक ्सेवा आयोग  अभयजथ्मयों ्ें जनजहत होते हैं।
                                 “कोई भमी प्रया्स वयथ्म न जाए” — इ्स ्संवेदनशमील
                             जवशवा्स ्से प्रेररत प्रजतभा ्सेतु, ्संघ लोक ्सेवा आयोग के
                             प्रजतभाशालमी अभयजथ्मयों और उन उद्ोगों एवं ्संसथानों के
        प्रनतभा सेतु         बमीच ्सेतु का काय्म करता है जजनहें अतयनत प्रजतभावान लोगों
                             कमी तलाश रहतमी है।
                                 प्रजतभा ्सेतु कमी शुरूआत 2018 ्ें ्संघ लोक ्सेवा
        प्रत्क अभ्र्थी       आयोग द्ारा आरमभ जकए गए पब्लक जडसकलोजर पोट्टल
             े
                             ्से हुई। यह पोट्टल एक ्हत्वपमूण्म पहला कद् था जज्सका
                                े
        के ्सफ़र का          उद्शय उन अभयजथ्मयों कमी जानकारमी ्साव्मजजनक करना था
                             जो यपमीए्स्समी कमी परमीक्षाओं के ऊपरमी पायदानों तक तो
                                 मू
                                                      मू
        ्सम्ान               पहुँचे लेजकन अबनत् पायदान पर चक गए। हालाँजक यह एक
                                                                  मू
                             उपयोगमी शुरुआत थमी जकनतु इ्सका ्समभाजवत लाभ परमी तरह
                             नहीं ज्ल ्सका कयोंजक उपल्ध जानकारमी जनयोकताओं कमी
                             आवशयकताओं के अनुरूप तैयार नहीं कमी गई थमी।
                                 इ्स क्मी को पहचान कर ्संघ लोक ्सेवा आयोग ने
                             इ्स पहल को नए ज्सरे ्से तैयार करके प्रजतभा ्सेतु को
                             इ्स प्रकार पेश जकया जो बाजार के अजधक अनुकल और
                                                                  कू
                             प्रजतभाओं को अव्सरों ्से ्सजक्रय रूप ्से जोड़ने ्ें ्सक्ष्


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