Page 33 - MAAN KI BAAT - HINDI
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ताजलका  जम्मू  और  कश्मीर  खेलों  कमी   पुलवा्ा के फलडलाइट ्से जग्गात  े
          उभरतमी बाजलका शबकत का एक जवलंत    ्ैदान और डल झमील का जझलज्लाता

          उदाहरण है।                        पानमी खेल के आयोजन सथलों ्से कहीं
                                                                   ं
              जपछले पाँच वषषों (2019-2025) ्ें,   अजधक हैं। वे आशा, ्हतवाकाक्षा और
          जम्मू और कश्मीर ने 20 ्से अजधक खेल   पररवत्मन के ्ंच हैं। वे ह्ारे लोगों के
                                                                   ृ
          जवधाओं  ्ें  एक  अंतरराषट्मीय  प्रजतयोजगता   लचमीलेपन, ह्ारमी ्सरकार के दबषटकोण

          ्सजहत 54 राषट्मीय सतर के आयोजनों कमी   और जम्मू और कश्मीर खेल पररषद के
           े
          ्जबानमी कमी है, जो इ्सके इजतहा्स ्ें अब   ्स्प्मण को दशा्मते हैं। ्सब्से ्हतवपमूण्म
                                                           ु
          तक  का  ्सववोच्  प्रदश्मन  है।  गुल्ग्म  ्ें   बात यह है जक वे दजनया को बताते हैं
                                            जक जम्मू और कश्मीर के युवा न केवल
          शमीतकालमीन खेलों ्से लेकर श्मीनगर और
                                            इ्स  केंद्रशाज्सत  प्रदेश  के  जलए,  बबलक
          जम्मू ्ें लड़ाक खेलों, टमी् खेलों और
                      कू
                                            परे देश के जलए च्कने हेतु तैयार हैं।
                                             मू
          पारमपररक खेलों तक, जम्मू और कश्मीर
                                            खेल  के  एक  नए  युग  का  ्समूत्पात  हो
          एक अजखल भारतमीय खेल सथल के रूप
                                            चुका है। अपने युवाओं कमी शबकत और
          ्ें उभरा है। ्सभमी 36 राजयों/केंद्रशाज्सत
                                            अपने ्स्ुदायों के ्स्थ्मन के ्साथ, ह्
          प्रदेशों  के  एथलमीटों  कमी  भागमीदारमी  ने
                                            एक ऐ्से भजवषय कमी रचना करेंगे जहा  ँ
          जम्मू और कश्मीर को ्संसकृजतयों और
                                            जम्मू  और  कश्मीर  खेल  उतकृषटता
          प्रजतभाओं  के  ज्लन  सथल  के  रूप  ्ें
                                            और राषट्मीय गौरव के प्रतमीक के रूप ्ें
                                     े
          सथाजपत जकया है। यह ‘एक भारत श्षठ
                                            प्रजतबषठत होगा।
          भारत’ कमी भावना को ्साकार करता है।


















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