Page 24 - MAN KI BAAT HINDI
P. 24

डॉ. दे्ी प्साद शेट्ी
                 काफड्टएक सजचान और अधयक्, नारायण हैलथ, बेंगलुरु


            अंगदान बचाए जान : जीवन का अनुपम उपहार

                                                                    े
                         ू
            लगभग  25  ्षचा  प्चा  मैंने  कनाचाटक   ही अंग फमल पाते हैं। यही हाल ििड़े,
        में पहला हृदय प्फतरोफपत फकया था। तब   यकृत जैसे अनय अंगों का है। यह आँकड़े
        से  अब  तक  बहुत  कुछ  बदल  चुका  है,   फचनताजनक हैं।
        हमने प्गफत की है। अनेक लोग स्ेचछा    यह जानना बेहद ज़रूरी है फक एक
        से  अंगदान  का  संकलप  फलए  आगे  आ   मृत  अंगदाता  कम-से-कम  आि  या  नौ
        रहे हैं, लफकन अभी भी लमबा रासता तय   लोगों की जान बचा सकता है। उदाहरण
               े
        करना है। हर ्षचा फजतने अंग हमें  दान   के फलए, एक वयस्त के पास दो गद होत  े
                                                                    दे
                                                                   ु
        में  फमलते हैं, आ््यकता उससे कहीं   हैं,  जो  दो  अलग-अलग  वयस्तयों  में
        अफधक की है। हमें प्फत ्षचा कम-से-कम   प्फतरोफपत फकए जा सकते हैं, इसी प्कार
        5 लाख अंगों की आ््यकता पड़ती है,   एक यकृत दो  मरीज़ों  में बाँटा जा सकता
        जबफक फर्लहाल के्ल कुछ हज़ारों में   है। कई मरीज़ों को गद और यकृत जैस  े
                                                          ु
                                                           दे
        अंग दान फमलते हैं। यह कमी तभी पूरी   अंग अभी अपने रर्तदारों से फमलते हैं,
                                                          े
                                                          े
        की जा सकती है, जब अफधक-से-अफधक    जबफक हृदय और ििड़े के मामले में
        लोग अंगदान के फलए सामने आएँ।      यह भी समभ् नहीं है। इनह हम के्ल
                                                               ें
            आँकड़े बताते हैं फक 2 लाख लोगों     मृत अंग दाता से ही ले सकते हैं।
        को  कॉफनचाया  प्फतरोफपत  फकए  जाने  की   यही नहीं, अंगदान को लेकर हमार  े
        आ््कता है, लफकन के्ल 50,000 लोगों   समाज में कई भ्ासनतयाँ भी हैं, जैसे कई
                    े
        को ही यह फमल पाता है। हर ्षचा कम-से-  लोग मानते हैं फक अगर असनतम संसकार
        कम 2 लाख गदषों की ज़रूरत होती है,   से पहले मृतक के शरीर से कोई अंग
                    ु
          े
        लफकन इसे के्ल 1,600 लोग ही प्ापत   फनकाल  फलए  गए  तो  मृतयोपरानत  उस  े
        कर  पाते  हैं।  इसी  प्कार  हमें  हर  साल   मस्त नहीं फमलेगी। यह भ्ासनतयाँ फनराधार
                                           ु
                                                                 ै
        50,000 हृदय प्फतरोपण की आ््यकता    हैं। हाल में बेंगलुरु में एक बिक हुई,
                 े
        होती  है,  लफकन  के्ल  339  लोगों  को   फजसमें सभी धमषों के आधयासतमक गुरु



                                      20
                                      20
   19   20   21   22   23   24   25   26   27   28   29