Page 29 - MAN KI BAAT HINDI
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जीवन का उपहार -

                       अबाबत कौर की प्रक कहानी
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              हममें  स   बहुत  से  लोग  फजतना   दे  सकते  हैं,  बसलक  यह  भी  सुफनस्चत
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          समझते हैं, अंगदान उससे कहीं अफधक   कर  सकते  हैं  फक  हमारा  कुछ  फहससा
          महत््पणचा है। भारत में बड़ी संखया में ऐस  े  हमारी  मृतयु  के  बाद  भी  जीफ्त  रहे।
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          लोग हैं, जो सुखी जी्न जीने की उममीद   आपको जानकर हैरानी होगी फक अंगों
                                    ं
          में अंगों का इंत़जार कर रहे हैं। अफतम   का इंत़जार करने ्ालों की फलसट बहुत
          चरण के अंग फ्िलता ्ाले कुछ लोगों   लमबी है। यफद हम सब अंगदान करने
          के फलए, यह ्ासत् में जी्न और मृतय  ु  का फनणचाय लेते हैं, तो हम यह सुफनस्चत
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          का  मामला  है।  प्धानमंत्ी  नरनद्र  मोदी   कर सकते हैं फक हमारे फप्यजन फकसी
          ने  अपने  हाफलया  ‘मन  की                  रूप  में  जीफ्त  रहें।  इससे
          बात’ कायचारिम में भारत में                 न के्ल हमें ख़ुशी फमलेगी,
          अंगदान  के  महत््  के  बार  े              बसलक  फकसी  ज़रूरतमंद
          में फ्सतार से बात की। इस                   की जान बचाने का ग्चा भी
          नेक काम पर प्काश डालन  े                   महसूस होगा।”
          के  फलए,  उनहोंने  पंजाब  के                   अबाबत की माँ सुप्ीत
          अमृतसर  से  सुखबीर  फसंह                   ने प्धानमंत्ी के प्फत अपना
          और  सुप्ीत  कौर  से  बात                   आभार  वय्त  करते  हुए
          की। सुखबीर और सुप्ीत न  े                  कहा, “यह ग्चा की बात है
          अपनी फद्ंगत बेटी अबाबत                     फक हम प्धानमंत्ी से बात
          कौर की फकडनी डोनेट की                      कर  सके।  उनहोंने  हमसे
          है।  इस  प्ेरक  फनणचाय  को                 बहुत  उदारता  से  बात
          लेकर अबाबत के माता-फपता                    की।”  सुखबीर  ने  कहा,
          ने न के्ल फकसी की जान बचाई, बसलक   “मैं आभारी हूँ फक प्धानमंत्ी ने हमारी
          यह भी सफनस्चत फकया फक उनकी बेटी   बेटी की सराहना की, ्े हमारे प्फत बहुत
                 ु
          इस दफनया से जाने के बाद भी फकसी-न-  सहानुभूफतपूणचा थे। उनहोंने कहा फक हमारी
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          फकसी रूप में जीफ्त रहे।           बेटी भारत का गौर् है। यह न के्ल मेरे
              दूरदशचान  की  टीम  ने  अबाबत  के   परर्ार के फलए, बसलक पंजाब के फलए
          माता-फपता से बात की।              भी ग्चा का क्ण है फक भारत सरकार ने
              सुखबीर  फसंह  ने  कहा,  “मनुषय   हमारी बेटी को भारत की सबसे कम उम्र
          पंचतत् से बना है, आतमा के जाने के बाद   की अंगदाता के रूप में मानयता दी है।”
          शरीर फमट्ी के फस्ा और कुछ नहीं है।   सुखबीर  फसंह,  सुप्ीत  कौर  और
          मेरा मानना  है फक अगर हम अपने अंगों   अबाबत कौर की कहानी दुफनया भर में

                                                                    े
          को फकसी ़जरूरतमंद को दान करने का   सभी के फलए एक शस्तशाली प्रणा है।
          फनणचाय लेते हैं, तो हम न के्ल उनके   उनके फन:स्ाथचा कायचा ने फदखाया है फक हम
          जी्न में एक नया उतसाह भर सकते     सभी अंगदान कर  फकसी ज़रूरतमंद के
          हैं और उनहें आशा की एक नई फकरण    जी्न रक्क बन सकते हैं।



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