Page 23 - MAN KI BAAT HINDI
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समबोधन  में  इस  फ्षय  पर  बात  की।
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                                             “मैं  आभारी  हँ  फक  प्धानमंत्ी  न  े
          उनहोंने दो परर्ारों के बारे में बताया,
                                             हमारी बेटी की सराहना की, ्े हमार  े
          फजनहोंने अपने मृत फप्यजनों के अंगदान
                                                           ू
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          करके दूसरों को जी्न देने का फ्कलप   प्फत बहुत सहानुभफतपणचा थे। उनहोंन  े
          चुना।                              कहा फक हमारी बेटी भारत का गौर्
              अंगदान का समथचान करते हुए सब   है। यह न के्ल मेरे परर्ार के फलए,
          फमलकर काम करें तो प्तयेक भारतीय
                                             बसलक पंजाब के फलए भी ग्चा का क्ण
          अनफगनत जी्न बचा कर एक बेहतर
                                             है फक भारत सरकार ने हमारी बेटी
          कल बना सकता है। अंगदान का संकलप
                                             को  भारत  की  सबसे  कम  उम्र  की
          लेकर  और  उनका  दान  करके  लोग
          दयालुता और उदारता की ऐसी फ्रासत    अंगदाता के रूप में मानयता दी है।”
          छोड़ सकते हैं, जो हमारे अ्सान के बाद                 -सुखबीर फसंह

          भी  लमबे  समय  तक  फकसी  दूसरे  का            अबाबत कौर के फपता
          जी्न बदल सकेगी।




















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