Page 41 - Mann Ki Baat - Hindi
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ु
                 ें
          और उनह सहायता पहँचाना अपन  े
          आप में एक बहुत बड़ा चैलेंज है।
          मैं  पॉफलसी  मेकस्द  को  बहुत  बड़ा
          धनय्ाद  देना  चाहँगी  फक  उनहोंन  े
                       ू
          एक मरीज़ की सोच को समझा।
          इसके फलए उनहोंने फ्ी जाँच, फ्ी
                                ु
          इलाज  केंद्र,  फ्ी  द्ाई  पहँचान  े
          की  मफहम  शर  की।  मैं  हमार  े
               ु
                     ु
          प्धानमंत्ी  जी  और  सरकार  की
                        ू
          सराहना  करती  हँ  फक  उनहोंन  े
          फन-क्य  फमत्  योजना  का  प्ारमभ
          फकया।  मेरा  लोगों  से  फन्ेदन  ह  ै
          फक  प्धानमंत्ी  जी  का  आह्ान
                                  ें
                                 ु
          सुनें  और  जनभागीदारी  में  जड़।
          एक  इनसान  जब  दूसरे  इनसान
          की  मदद  के  फलए  उतरता  है,  तो
          इससे बेहतर काय्द कया हो सकता
          है। अगर मैं एक फदवयाग मफहला
                           ं
          होकर 10 लोगों के इलाज का बीड़ा
                    ू
          उिा सकती हँ, उनकी फज़नदगी में
          एक फमत् बनकर उनके पौकष््क
          आहार और इलाज का धयान रि
                 ू
          सकती  हँ,  तो  कम-से-कम  एक
          मरीज़ का फन-क्य फमत् हर वयककत
          को बनना चाफहए। अगर ऐसा हुआ
          तो फनक्चत ही हम 2025 तक भारत
          को  ्ीबी-मुकत  बना  लेंगे।  ्ीबी
          पेशेंटस से भी मेरा एक फन्ेदन ह  ै
          फक बीमारी लमबी है, पर अपना फदल
          ्ो्ा न करें और हार नहीं मानें।
          हम सब आपके साि हैं, हमारे देश
          के प्धानमंत्ी आपके साि हैं और
                             ै
          ढेर सारे फमत् और ्ीबी चकमपयन
          आपके साि हैं।

          दीपा मचिक का साक्ातकार
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