Page 7 - Mann Ki Baat - Hindi
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क्कलो पलाकसटक ले जाए तिो नाशतिा क्मल   अहक्मयति ्समंदर के क्कनारे mangrove
          जातिा है। ये cafe अक्बकापुर ्युक्नक््सपल   की होतिी है। Mangrove ्समुद्र के खार  े
          कॉरपोरेशन चलातिा है।              पानी  और  दलदली  ज़मीन  में  उगतिे  हैं
                                                  ु
              साभिययो,  इ्सी  तिरह  का  कमाल   और ्समद्री eco-system का एक अहम
                                                                       ै
          बेंगलुरु में इंजीक्नयर कक्पल शमा्ष जी ने   क्हस्सा होतिे हैं। ्सुनामी या cyclone ज्सी
          क्कया है। बेंगलुरु को ‘झीलों का शहर’   आपदा  आने  पर  ये  Mangrove  बहति
                                                                        ु
          कहा जातिा है और कक्पल जी ने यहाँ झीलों   मददगार ्साक्बति होतिे हैं।
          को नया जीवन देने का अक्भयान शुरू     साभिययो, गुजराति के वन क्वभाग ने
          क्कया है। कक्पल जी की टीम ने बेंगलुरु   Mangrove के इ्स महत्व को ्समझतिे
          और आ्सपा्स के इलाकों में 40 कुँओं   हुए खा्स मुक्हम चलाई हुई है। 5 ्साल
          और 6 झीलों को क्फर ्से क्ज़ंदा कर क्दया   पहले वन क्वभाग की टीमों ने अहमदाबाद
          है। खा्स बाति तिो ये है क्क उनहोंने अपने
          mission में corporates और स्ानीय
          लोगों को भी जोडा है। उनकी ्संस्ा पेड
          लगाने के अक्भयान ्से भी जुडी है।
              साभिययो, अक्बकापुर और बेंगलुरु,
          ये प्रेरक उदाहरण बतिातिे हैं क्क जब ठान
          क्लया जाए तिो बदलाव भी आकर के ही
          रहतिा है।
              साभिययो, बदलाव के एक और प्रया्स
          का  उदाहरण,  मैं  आप्से  ्साझा  करना
                                 ै
          चाहतिा हँ। आप ्सब जानतिे हैं ज्से पहाडों
                ू
          पर और मैदानी इलाकों में जंगल होतिे हैं, य  े
                                   ै
          जंगल क्मट्ी को बाँधे रहतिे हैं, कुछ व्सी ही
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                                         7 7 7
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