Page 6 - Mann Ki Baat - Hindi
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का  जड  ्से  खातमा  चाहतिे
                                                   हैं  क्ज्सने  उनके  बच्ों  का
                                                   भक्वषय ्संकट में िाल क्दया
                                                   ्ा।
                                                       GST  बचति  उत्सव
                                                   को  ्लेकि  भी  ्लयोगों  में
                                                   बहुर उतसाह है। इस बाि
                                                   तययोहािों में एक औि सुखद
                                                   बार  देखने  कयो  भम्ली।
                                                   बाजािों में सवदेशी सामानों
                                                   की  खिीदािी  जबिदसर
                                                   रिीके  से  बढ़ी  है।  लोगों
                                                   ने  मुझे  जो  ्संदेश  भेजे  हैं,
                                                   उ्समें बतिाया है क्क इ्स बार
                                                   उनहोंने क्कन सवदेशी चीज़ों
                                                   की खरीदारी की है।
                                                       साभिययो,  मैंने  अपने
                                                   पत् में खाने के तिेल में 10
        को  नमन  करतिा  हूँ।  सभी  देशवाभसयों      प्रक्तिशति की कमी करने का
        कयो,  भवशेषकि  भबहाि,  झािखंड  औि   भी आग्रह क्कया ्ा, इ्स पर भी लोगों ने
        पूवाांच्ल के ्लयोगों कयो छठ महापव्त की   बहुति ्सकारातमक रुख़ क्दखाया है।
        शुभकामनाएँ देरा हूँ।                  साभिययो,  सवचछरा  औि  सवचछरा
            साभिययो, तयोहारों के इ्स अव्सर पर   के  प्रयास,  इस  पि  भी  मुझे  ढ़ेि  सािे
        मैंने आप ्सभी के नाम एक पत् क्लखकर   संदेश भम्ले हैं। मैं आप्से देश के तिीन
        अपनी भावनाएँ ्साझा की ्ी। मैंने क्चट्ी में   अलग-अलग शहरों की ऐ्सी गा्ाएँ ्साझा
        देश की उन उपलक्धयों के बारे में बतिाया   करना चाहतिा हूँ जो बहुति प्रेरणादायक हैं।
        ्ा क्ज्स्से इ्स बार तयोहारों की रौनक   छत्ती्सगढ़  के  अक्बकापुर  में  शहर  ्से
        पहले ्से ़जयादा हो गई है। मेरी क्चट्ी के   पलाकसटक  कचरा  ्साफ़  करने  के  क्लए
        जवाब में मुझे देश के अनेक नागररकों ने   एक अनोखी पहल की गई है। अक्बकापुर
        अपने ्संदेश भेजे हैं। वाकई ‘ऑपिेशन   में Garbage Cafe चलाए जा रहे हैं।
        भसंदूि’ ने हि भािरीय कयो गव्त से भि   ये ऐ्से cafe हैं, जहाँ पलाकसटक कचरा
        भदया है। इस बाि उन इ्लाकों में भी   लेकर  जाने  पर  भरपेट  खाना  क्खलाया
        खुभशयों के दीप र्लाए गए, रहाँ कभी   जातिा है। अगर कोई वयक्ति एक क्कलो
        माओवादी  आरंक  का  अंधेिा  छाया   पलाकसटक  लेकर  जाए,  उ्से  दोपहर  या
        िहरा िा। लोग उ्स माओवादी आतिंक    राति का खाना क्मलतिा है और कोई आधा


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