Page 52 - Mann Ki Baat Hindi(MAY-2023)
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        भागीदारी  पररलफक्त  है।  य्ाओं  की   पाररकसथफतकी  में  संतुलन  बना  रहना
        पानी  प्बनधन  की  फलसजेन  पहल  पर   चाफहए ताफक ्ो एक-दूसरे के फ्परीत न
        आईटी, आईओटी का सीधा प्योग हुआ     हों, बकलक एक-दूसरे के सहायक फसद्
                                                  ं
        है।  ऐसे  ही  छत्तीसगढ़  में  पानी  बचान  े  हों। प्धानमत्री के तमाम ्कतवयों में, जो
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        का प्योग ् झारखंड में खँटी के लोगों   उनहोंने  राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय  सतर  पर
        का  ‘पानी  जोड़ो  अफभयान’  उदाहरण   फदए, उनमें ये ही झलक है। अपने देश में
        है। आज आफट्टफिफशयल इंटेफलजेंस से   आज इसके सुखद पररणाम भी फमले हैं,
        लेकर और प्ाककृफतक इंटेफलजेंस में हम   जो आने ्ाले दशकों में और भी प्भा्ी
        दमखम के साथ खड़े हैं। घर हो, गा्   होंगे।  मेरा  सपष्ट  मानना  है  फक  सरल
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        हो  या  राजय,  प्ककृफत  के  वय्हार  को   माधयमों, जैसे रफडयो से प्धानमत्री की
        समझने की शुरुआत हुई है। इसी तरह   ‘मन की बात’ काम की बात तो है ही,
        लोकल िरॉर ्ोकल का जादू खूब चला।   पर ये देश-दफनया के जन-जन के ‘मन
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        इससे सथानीय संसाधनों पर आधाररत    की  बात’  भी  है।  प्धानमत्री  की  ये  ही
        संरक्ण रोजगार ् पहचान बनी है।     काय्य शैली उनहें लोगों से जोड़कर भी
            आज  हमें  यह  भी  स्ीकार      रखती है और प्भा्ी लोक नेतृत् का
        कर  चलना  होगा  फक  आफथ्यकी  और   अफधकारी भी बनाती है।




































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