Page 67 - Mann Ki Baat - Hindi, February,2023
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वेस्ट ट ू वेल्थ : स्च्छ भारत अलभयान की

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            सफलता को आगे बढा रह स्यं सहायता समूह
              सवचछ भारत अपभ्यान के शुरुआती   िररवपत्मत करना। इस आंदो्न में मेरे
          पदनों से ही सव्यं सहा्यता समूहों (SHGs)   साथ  कई  मपह्ाएँ  शापम्  हुईं।  हमने
                                      ू
          ने  इसकी  सफ्ता  में  एक  महत्विण्म   उतिादों को तै्यार करना शुरू पक्या और
          भूपमका पनभाई है। सव्यं सहा्यता समूहों   उन उतिादों को बेचने के प्ए कई मे्ों
          ने न केव् सवचछता और साफ़-स़फाई    और  प्दश्मपन्यों  में  भाग  प््या।  हमारा
          िर  जागरूकता  को  सपक््य  रूि  से   उद्श्य  सवचछता  िर  जागरूकता  िैदा
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          बढ़ावा  पद्या  है,  बकलक  कचरे  को  धन   करना और प्ाकसटक मु्त वातावरण
          में  बद्ने  के  अपभनव  तरीकों  को  भी   बनाना है।”
          ्ोकपप््य  बना्या  है।  हा्  ही  में  अिने   कम्ा मोहराना ने प्धानमंत्री द्ारा
                                                            े
          ‘मन की बात’ समबोधन में प्धानमंत्री   अिने काम का उल्ख पकए जाने के
          ने ओपडशा के केंद्िाड़ा पज़्े की कम्ा   बारे में कहा, “मैंने कभी सोचा भी नहीं था
          मोहराना द्ारा पकए गए सराहनी्य का्य्म   पक एक पदन खुद प्धानमंत्री मेरे काम
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          का उल्ख पक्या।                    की तारीफ़ करेंगे। जब मैंने इसे सुना तो
              कम्ा मोहराना एक सव्यं सहा्यता   मेरी खुशी का पठकाना नहीं रहा। आज
          समूह  च्ाती  हैं,  जहाँ  मपह्ाएँ  दूध  के   मुझे बहुत गव्म महसूस हो रहा है पक मैंने
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          िाउच और िपकंग सामग्री से पनक्ने   सवचछ भारत अपभ्यान को अिने काम में
          वा्े बेकार प्ाकसटक का उि्योग कर   शापम् पक्या है। जैसे ही ‘मन की बात’
          उनसे टोकरी, मोबाइ् सटैंड आपद जैसे   का एपिसोड प्साररत हुआ, बड़ी संख्या
          सुनदर  उतिाद  तै्यार  करती  हैं।  ्यह  न   में ्ोग मुझे बधाई देने िहुँचे। मुझे बहुत
          केव् मपह्ाओं के प्ए आ्य का एक     खुशी हुई।”
          अचछा स्ोत बन ग्या है, बकलक ्यह उनके   कम्ा मोहराना की कहानी सवचछ
          इ्ाके में सवचछता सुपनकशचत करने में   भारत  अपभ्यान  िर  सव्यं  सहा्यता
          भी मदद कर रहा है।                 समूहों के सकारातमक प्भाव का एक
              कम्ा मोहराना की िह् के बारे   आदश्म  उदाहरण  है।  कचरे  को  उतिाद
          में और जानने के प्ए दूरदश्मन की टीम   में  बद्  कर  वे  मपह्ाओं  को  आ्य
          ने उनसे बात की।                   उतिन्न करने और आतमपनभ्मर भारत
              “जब  मैंने  सवचछ  भारत  अपभ्यान   का पहससा बनाने के साथ एक सवचछ
          को बढ़ावा देने के प्ए ्यह िह् शुरू की   भारत का पनमा्मण करने में भी ्योगदान
          तो मेरे इ्ाके के ्ोगों ने मेरा मज़ाक   दे  रही  हैं।  ऐसे  समपि्मत  नागररकों  के
          उड़ा्या।  मेरा  सिष्ट  पवज़न  है  दैपनक   साथ  सवचछ  भारत  का  सिना  शीघ्र  ही
          कचरे को दैपनक उि्योग की वसतुओं में   साकार होगा।














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