Page 58 - Mann Ki Baat - Hindi, February,2023
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यूपीआई की वैलविक सेवाक्षमता की पडरकल्पना





                                          में  री्य्-टाइम  भुगतान  प्णा्ी  का
                                          इसतमा् करके धन को देश की सीमा के
                                             े
                                          बाहर भेज पद्या जाता है। ्यह उि्योगकता्म
                                          द्ारा अिने देश के भीतर धन सथानानतररत
                                          करने जैसा ही अनुभव होता है। सुरपक्त
                                          भुगतान की सपवधा पम्ना इसका दूसरा
                                                    ु
                                          ्ाभ है। ्ाभाथजी खाते का सत्यािन होना
                                                                  ु
                                          इकचछत प्ापतकता्म को भुगतान सपनकशचत
                                          करता  है।  प्ापतकता्म  को  धन  भेजने  के
                                          प्ए प्े्क को अिना बैंक पववरण साझा
                                          करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है।
                   पद्ीि असब े                इसतमा्  में  आसानी  होना  इसकी
                                                 े
                                                 ु
              प्बंध पनदेशक और सीईओ        तीसरी सपवधा है। भारती्य उिभो्ता अब
            भारती्य राष्ट्ी्य भुगतान पनगम   UPI ID के उि्योग से पसंगािुर से सीध  े
                  (एनिीसीआई)              िैसा प्ापत कर सकते हैं, साथ ही भारती्य
                                          उिभो्ता प्ापतकता्म के मोबाइ् नमबर/
                                            ु्म
                                          वचअ् िेमेंट एड्रेस (वीिीए) का उि्योग
                                          करके पसंगािुर को िैसा भेज सकते हैं।
                                          चौथी सपवधा इसका पकफा्यती होना है।
                                                ु
                    ू
            भारत के ्यपनफाइड िेमेंट इंटरफेस   पसंगािुर से भारत में सीमा िार धनांतरण
        (UPI) और पसंगािुर के ‘िे-नाउ’ के साथ    की  औसत  ्ागत  बाज़ार  में  प्चप्त
                                                   ु
        प्ंकेज  की  िो्णा  की  गई  है।  ्यह  न   ्ागत की त्ना में का़फी कम होगी।
        केव्  दोनों  देशों  के  प्ए,  बकलक  िूर  े  भारत में 2016 से UPI की शुरुआत
        पवशव के प्ए एक देश से अन्य देशों में   हुई  थी।  उसके  बाद  देश  के  पडपजट्
        ्ेन-देन  के  सनदभ्म  में  एक  ऐपतहापसक   िररदृश्य में एक व्यािक बद्ाव आ्या है।
        क्ण  है।  UPI-Pay-Now  प्ंकेज  पडपजट्   UPI भारत में सबसे ्ोकपप््य पडपजट्
        कनेक्टपवटी  और  इंटरऑिरपटपबप्टी   भुगतान प्णा्ी बन ग्या है। ्यह बात ध्यान
                               े
        को बढ़ावा देगा। इससे एक देश से दूसर  े  देने ्योग्य है पक पदसमबर, 2016 में UPI
        देश में ्ोगों द्ारा धन का शीघ्र, पनबा्मध,   ्ेन-देन की कु् संख्या 0.1  पबप््यन थी,
        सुरपक्त और ततका् ्ेन-देन समभव हो   जो फरवरी, 2023 में बढ़कर 75 पबप््यन
        सकेगा, साथ ही देश की सीमा के बाहर   हो गई। UPI ्ेन-देन की कु् धनरापश भी
        भुगतान  के  शुलक  में कमी  ्ाने  में  भी   पदसमबर, 2016 के 1.9 पबप््यन रुि्ये स  े
        सहा्यता पम्ेगी।                   बढ़कर फरवरी, 2023 में 12.36 पट्प््यन
            ्यह प्ंकेज देश की सीमा के बाहर   रुि्ये हो गई।
        भुगतान  के  प्ए  एक  इंफ्ासट््चर  के   हा्  ही  में  उि््ध  आँकड़ों  के
        पवकास में महत्विण्म मी् का ितथर है।   अनुसार, भारत को पवदेशों में काम करन  े
                      ू
        ्यह  शीघ्रतािण्म,  पकफा्यती  और  अपधक   वा्े प्वापस्यों से 100 पबप््यन अमरीकी
                 ू
        िारदशजी सीमा िार भुगतान को ्ेकर G20   डा्र से अपधक धन प्ापत हुआ। भारत
        की पवत्ती्य समावेशन प्ाथपमकताओं के   पवशव सतर िर अन्य देशों से धन प्ापत
        अनुरूि है। इसके अनेक ्ाभ हैं। िह्ा   करने के माम्े में ्गातार िह्े सथान
        ्ाभ  इसकी  तीव्र  गपत  है।  कुछ  सेकंड   िर बना हुआ है। एक आशाजनक भपवष््य

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