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डॉ. मनसुख मंडाफ्या
              स्ासरय और परर्ार कलयाण ् रसायन और उ्चारक मंत्ी



                         सौराष्ट्-तनमल संगमम्
                1,000 वर पुराने सम्बन्धों का पुनजजीवन
                            ्थ

            सौराषट् तफमल संगमम ्, जोफक 17   जी्न  शैली  और  सांसकृफतक  फ्रासत
        अप्ल से 30 अप्ल, 2023 तक फनधाचाररत   को समझने का प्यास करता है।
                     ै
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        है,  इसका  उद्े्य  प्धानमंत्ी  के  ‘एक   सौराषट्  से  आकर  तफमलनाडु  में
        भारत,  श्षि  भारत’  के  दृसषटकोण  के   बसे लोगों के साथ-साथ राजय के मूल
               े
        अनुरूप  फ्फभन्न  राजयों  के  लोगों  को   फन्ासी  सौराषट्  तफमल  संगमम्  का
        एक साथ लाना और सांसकृफतक आदान-    फहससा  बन  रहे  हैं।  कायचारिम  सोमनाथ,
        प्दान को बढ़ा्ा देना है। यह कायचारिम   द्ारका,  पोरबंदर  और  सटैचयू  ऑर्
        गुजरात और तफमलनाडु में सौराषट् के
        लोगों के बीच 1000 साल पुराने समबनधों
        को उजागर करता है।

            सौराषट्  के  लोग  तफमलनाडु  में
        बसे हैं। उनहोंने एक अचछा सामुदाफयक
        जी्न  सथाफपत  फकया  और  क्ेत्  के
        वयापार  और  अथचावय्सथा  में  योगदान
                    ्
        फदया है। संगमम इस सफदयों पुराने रर्ते
        को  पुनजकीफ्त  करने  और  सांसकृफतक
        आदान-प्दान को सुगम बनाने के साथ-
        साथ  एक-दूसरे  के  साफहतय,  वयापार,


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