Page 43 - MAN KI BAAT HINDI
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भारत में स्च्छ ऊजा का नेतृत्व करती
्थ
MSR-ऑनलव सरोसायटी
भारत सरकार ने देश में स्चछ
ऊजाचा को बढ़ा्ा देने के फलए कई पहल
की हैं। फपछले 9 ्षषों में ऐसी सभी पहलों
में नागररकों की भागीदारी ने भारत
के सौर फमशन को आगे ले जाने में
महत््पूणचा भूफमका फनभाई है।
‘मन की बात’ समबोधन में
प्धानमंत्ी नरेनद्र मोदी ने पुणे की MSR-
ऑफल् सोसायटी द्ारा एक प्शंसा योगय
पहल पर प्काश डाला, जहाँ फन्ाफसयों ने
अपनी फनयफमत खपत के फलए फबजली मेरा मानना है फक हर सोसायटी को ऐसी
पैदा करने के फलए सौर ऊजाचा को अपनाने पहल करनी चाफहए। मुझे फ्््ास है फक
का िैसला फकया है। दो सौ से अफधक प्धानमंत्ी द्ारा हमारी पररयोजना का
फलैटस ्ाली इस सोसायटी के लोगों ने उललेख करने से बहुत सारे लोग ऐसे ही
एकजुट होकर सौर पैनल सथाफपत फकए, कदम उिाने के फलए प्ररत होंगे।”
े
जो हर साल लगभग 90 फकलो्ाॅट/ MSR-ऑफल् सोसायटी की फन्ासी
घंटे फबजली पैदा करते हैं। इस पहल के दीपाली चंचड़ ने कहा, “आज प्धानमंत्ी
पररणामस्रूप फन्ाफसयों ने लगभग हर की तारी़िों के कारण बहुत से लोग इस
माह 40,000 रुपये की फबजली फबल की पररयोजना के बारे में जानने के फलए
बचत की है। हमसे समपकफ़ करते हैं। मेरे सहकमकी,
दूरदशचान की टीम ने इस पहल के दोसत और रर्तेदार सभी जानना चाहते
बारे में और जानने के फलए MSR-ऑफल् हैं फक हमने फकतना फन्ेश फकया और
सोसायटी के अधयक् र्ींद्र अकोलकर ्या प्फरिया थी। लोग अब स्चछ ऊजाचा
से बात की। की फदशा में इसी तरह के कदम उिाने
“हमारी सोसायटी में पीने के पानी में अफधक रुफच ले रहे हैं। हम, MSR-
को ऊपर चढ़ाने और फलफट के साथ- ऑफल् सोसायटी के फन्ासी, प्धानमंत्ी
साथ पररसर में रोशनी करने और से प्रणा ले रहे हैं और लोगों के फकसी भी
े
अनय फ्फ्ध उपयोगों के फलए फबजली प्श्न का ज्ाब देकर उनके मागचादशचान
की आ््यकता होती है। इन सब पर में योगदान दे रहे हैं। हमें बहुत ग्चा है
हर साल लाखों की फबजली खचचा होती फक उनकी ्जह से आज लोग हमारी
थी। 2016 में हमने अपनी छत पर सोलर सोसायटी को इस काम के फलए पहचान
पैनल लगाने के फलए सामूफहक रूप से रहे हैं।”
पैसा खचचा फकया। आज हम फबजली के पुणे में MSR-ऑफल् सोसायटी
फबल की फचनता फकए फबना फबजली की की सिलता इस बात का एक बड़ा
अपनी सभी ज़रूरतों को पूरा करते हैं। उदाहरण है फक आने ्ाले समय में कैसे
फजस तरह से प्धानमंत्ी ने हमारे प्यासों कमयुफनटी-लेड पहल स्चछ ऊजाचा और
की तारीि की है, ्ह हमारे फदल को छू ससटेनेबल तरीकों को बढ़ा्ा देने पर
गया है। यह हमारे फलए ग्चा की बात है। महत््पूणचा प्भा् डाल सकती है।
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