Page 42 - MAN KI BAAT HINDI
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स्च्छ और हहरत भारत क िलए
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                  सामूिहक प्यास का उदाहरण ह दीव
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            फदन  के  समय  पूरी  तरह  से  सौर
        ऊजाचा पर चलने ्ाले भारत के पहले शहर
        दी्  ने  एक  उदाहरण  पेश  फकया  है  फक
        कैसे सरकार के समफपचात प्यास, लोगों
        की समफपचात भागीदारी के साथ फमलकर
        चमतकार कर सकते हैं।
                                                               ू
            ‘मन  की  बात’  समबोधन  में    को भी धनय्ाद देना चाहती हँ, जो हमेशा
        प्धानमंत्ी ने दी् के सिलता मत् का   दी् के लोगों के फलए काम करने के फलए
                                 ं
        उललख  ‘सबका  प्यास’  के  रूप  में   समफपचात रहते हैं।”
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        फकया। कभी इस क्ेत् में फबजली उतपादन   दी्  के  एक  मछली  फनयाचातक  डॉ.
        के संसाधन एक चुनौती थे, लफकन जब स  े  हरेश रामजी सोलंकी ने कहा, “प्धानमंत्ी
                             े
                                                  ु
        लोगों ने इस चुनौती के समाधान के फलए   के प्दूषण म्त और हररत भारत के सपन  े
        सौर ऊजाचा को चुना, जगह-जगह सोलर   को साकार करने के फलए हमारे प्शासक
        पैनल  लगने  लगे।  आज  बंजर  भफम,   श्ी प्िलल पटेल ने एक अफभयान चलाया,
                                   ू
                                               ु
        इमारतों की छतों, सभी में सौर पैनल हैं,   फजसमें शहर के फ्फभन्न सथानों पर सोलर
        जो शहर की फबजली की माँग को पूरा   पैनल लगाए गए। मैं इस पहल के फलए
        करने में मदद करते हैं।            हमारे शहर की सराहना करने के फलए
                                                                   ू
            दूरदशचान की टीम ने इस पहल के   प्धानमंत्ी को धनय्ाद देना चाहता हँ। जब
        बारे  में  अफधक  जानने  के  फलए  श्ीमती   हमने उनह दी् की तारीर् करते सुना तो
                                                 ें
        हेमलताबाई रमा, अधयक्, नगर पररषद,   सब यहाँ बहुत खुश हुए।
        दी् से बात की।                       दी् की एक अनय फन्ासी फहमांशी
            “दी् एक ऐसा पयचाटन सथल है, जहा  ँ  राजपूत ने कहा, “पहले हम अपने पड़ोसी
        हर साल लाखों लोग घूमने आते हैं। यहा  ँ  राजय गुजरात से फबजली लेते थे, इसस  े
        के  अफधकांश  लोग  अपनी  आजीफ्का   फबल अफधक आता था, लफकन आज हम
                                                            े
        के  फलए  होटल  वय्साय  पर  फनभचार  हैं,   इसका ़जयादातर उतपादन अपने शहर में
        फजससे हमारी ऊजाचा की माँग बढ़ जाती   ही करते हैं। हम न के्ल अपनी अफधकांश
        है।  इनहीं  माँगों  को  पूरा  करने  के  फलए   ऊजाचा ज़रूरतों को पूरा कर रहे हैं, बसलक
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        हमारे  प्शासक  श्ी  प्िलल  पटेल  न  े  हम एक स्चछ और हररत भारत बनाने में
        शहर  में  सोलर  पैनल  लग्ाए,  फजसस  े  भी योगदान दे रहे हैं। यह हमारे फलए ग्चा
        शहर्ाफसयों  को  कािी  मदद  फमली  है।   की बात है फक प्धानमंत्ी ने अपने माफसक
        दी् में उपयोग की जाने ्ाली 95 प्फतशत   कायचारिम ‘मन की बात’ में हमारे शहर
        फबजली  इन  पैनलों  द्ारा  उतपाफदत  की   का फज़रि फकया।”
        जाती  है,  फजससे  हमें  अपने  फबजली  के   दी्  जैसी  पहलों  के  साथ  भारत
                  ं
        फबलों को फनयत्ण में रखने में मदद फमली   न्ीकरणीय  ऊजाचा  और  ससटेनेबल
        है। दी् फदन के समय पूरी तरह से सौर   तरीकों  को  बढ़ा्ा  देने  में  अग्रणी  बनन  े
        ऊजाचा  पर  चलने  ्ाला  भारत  का  पहला   की ओर अग्रसर है। आइए हम सब साथ
        देश है। मैं राषट्ीय मंच पर हमारी पहल   आएँ और आने ्ाली पीफढ़यों के फलए एक
        की सराहना करने के फलए प्धानमंत्ी को   उज््ल और हररत भफ्षय के फनमाचाण की
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        धनय्ाद देना चाहती हँ। मैं अपने प्शासक   फदशा में काम करें।

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