Page 17 - MKV (Hindi)
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              आज  हम  इसी  िरैवचत  िरैवचत   को भी धनयव़ा् ्ेत़ा हँ। ्ेशभर के िीवी
                                      े
          की भ़ावऩा के स़ाि ‘मन की ब़ात’ क़ा   िैनल इलकट्रोचनक मीचडय़ा के लोग, जो
                                                   े
          100व़ाँ  एचपसोड  पूऱा  कर  रहे  हैं।  भ़ारत   ‘मन की ब़ात’ को चबऩा कमचश्वयल ब्ेक
          के स़ाम़ाचजक त़ाने-ब़ाने को मजबूती ्ेन  े  के  च्ख़ाते  हैं,  उन  सभी  क़ा  मैं  आभ़ार
          में  ‘मन  की  ब़ात’,  चकसी  भी  म़ाल़ा  के   वयकत  करत़ा  हँ  और  आचखरी  में,  मैं
                                                        ू
          ध़ागे की तरह है, जो हर मनके को जोड़े   उनक़ा  भी  आभ़ार  वयकत  करग़ा,  जो
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          रखत़ा है। हर एचपसोड में ्ेशव़ाचसयों के   ‘मन की ब़ात’ की कम़ान सँभ़ाले हुए हैं–
          सेव़ा और स़ामरय्व ने ्ूसरों को प्ररण़ा ्ी   भ़ारत के लोग, भ़ारत में आसि़ा रखन  े
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          है। इस क़ाय्वक्रम में हर ्ेशव़ासी ्ूसर  े  व़ाले लोग। ये सब कु् आपकी प्ररण़ा
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          ्ेशव़ासी की प्ररण़ा बनत़ा है। एक तरह   और त़ाकत से ही समभव हो प़ाय़ा है।
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          से ‘मन की ब़ात’ क़ा हर एचपसोड अगल  े  स़ाचियो, वैसे तो मेरे मन में आज
          एचपसोड के चलए जमीन तैय़ार करत़ा है।   इतऩा कु् कहने को है चक समय और
          ‘मन की ब़ात’ हमेश़ा स् भ़ावऩा, सेव़ा-  श््, ्ोनों कम पड़ रहे हैं, लचकन मुझ  े
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                                                                  े
          भ़ावऩा  और  कत्ववय-भ़ावऩा  से  ही  आग  े  चवशव़ास  है  चक  आप  सब  मेरे  भ़ावों  को
          बढ़़ा है। आज़ा्ी के अमृतक़ाल में यही   समझेंगे,  मेरी  भ़ावऩाओं  को  समझेंगे।
          प़ाचजचिचविी ्ेश को आगे ले ज़ाएगी, नई   आपके पररव़ार के ही एक स्सय के रप
          ऊँि़ाई पर ले ज़ाएगी और मुझे खुशी ह  ै  में ‘मन की ब़ात’ के सह़ारे आपके बीि
                                                                 ू
          चक ‘मन की ब़ात’ से जो शुरुआत हुई,   में रह़ा हँ, आपके बीि में रहँग़ा। अगल  े
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          वो आज ्ेश की नई परमपऱा भी बन रही   महीने हम एक ब़ार चिर चमलेंगे। चिर स  े
          है। एक ऐसी परमपऱा, चजसमें हमें सबक़ा   नए चवषयों और नई ज़ानक़ाररयों के स़ाि
          प्रय़ास की भ़ावऩा के ्श्वन होते हैं।  ्ेशव़ाचसयों की सिलत़ाओं को सचलब्ेि
                                                                     े
              स़ाचियो,  मैं  आज  आक़ाशव़ाणी  के   करेंगे, तब तक के चलए मुझे चव़्ा ्ीचजए
          स़ाचियों  को भी धनयव़ा् ्ँग़ा, जो बहुत   और अपऩा और अपनों क़ा खूब खय़ाल
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          धय्व के स़ाि इस पूरे क़ाय्वक्रम को ररकॉडटि   रचखए।  बहुत-बहुत धनयव़ा्। नमसक़ार।
          करते हैं। वो ट्ऱासलेिस्व, जो बहुत ही कम
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          समय में, बहुत तजी के स़ाि ‘मन की
          ब़ात’  क़ा  चवचभन्न  क्ेत्रीय  भ़ाष़ाओं  में   ‘मन  की  ब़ात’  सुनने  के  चलए
          अनुव़ा् करते हैं, मैं उनक़ा भी आभ़ारी   QR कोड सकैन करें।
          हँ। मैं ्ूर्श्वन के और MyGov के स़ाचियों
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