Page 24 - Mann Ki Baat - Hindi
P. 24
सािाजजक पफर्वत्रन और् जन जागरूकता िें बढ़ती
नागफर्क सहभागगता
गफतफवफ्धयों को प्ररत करने और
े
सामाफजक पररवत्षन को बढ़ावा दोेने में
सहायक रहा है। माता-फपता को अपनी
बेफटयों को अपना सौभाग्य मानकर
खुशी से अपनाने और उसे प्दोफश्षत करने
के फलए प्ोत्साफहत करने वाले ‘बेटी के
साथ सेल्िी’ अफभयान से लेकर स्वच््छ
भारत अफभयान के नागररकों, फवशेर् रूप
से युवाओं के साथ सी्धे जुड़ाव ने इन
शफश शेखर वेम्पफत आंदोोलनों को न केवल सरकारी पहल,
प्सार भारती के पूव्ष सीईओ और ‘कलेब्क्टव बब्ल्क सामाफजक स्तर पर बदोलाव के
ब्स्पररट कंक्रीट एक्शन – मन की बात एंड फलए लोगों द्ारा संचाफलत प्यास बना
इट्स इनफ्लूएंस ऑन इंफडया’ पुस्तक के फदोया है। एक और माफम्षक उदोाहरण है
लेखक अमीर पररवारों के फलए गैस सब्ब्सडी
्छोड़ने का आह्ान, फजसके कारण
लाखों मध्यम और फनम्न-मध्यम वग्ष के
पररवारों ने जरूरतमंदोों की मदोदो के फलए
स्वेच््छा से अपनी सब्ब्सडी ्छोड़ दोी। मन
की बात द्ारा प्ोत्साफहत फन:स्वाथ्षता का
यह काय्ष इस बात का प्माण है फक इसके
प्सारण ने फकस तरह सकारात्मक
े
‘मन की बात’, फप्छले दोस वर्षों में नागररक व्यवहार को उत्प्ररत फकया है
सामाफजक पररवत्षन को आगे बढ़ाने और सामाफजक फजम्मेदोारी की सामूफहक
और जन जागरूकता तथा नागररक भावना को बढ़ावा फदोया है।
भागीदोारी को बढ़ावा दोेने के फलए एक कम चफच्षत, लेफकन महत्तवपूण्ष मुद्दों
अनूठा मंच बनकर उभरा है। स्वतंत् को राष्टट्रीय सुफख्षयों में लाकर और
भारत के इफतहास में ये पहले प््धानमंत्ी जमीनी स्तर के चैब्म्पयनों के काम को
हैं, जो जमीनी स्तर की आवाज़ को उजागर करके, चाहे वे ग्रामीण क्ेत्ों में
सशक्त बनाने के राष्टट्रीय उद्देश्य को चेक डैम बनाने वाले व्यब्क्त हों, ऊजा्ष
लेकर चल रहे हैं। इसी सामान्य भावना संरक्ण रैफलयाँ आयोफजत कर रहे हों,
ृ
को सुदोढ़ करने और जन-जन तक या स्थानीय उद्मशीलता प्यासों के रूप
पहुँचाने का यह महत्तवपूण्ष उदोाहरण है। में खादोी बुन रहे हों, ‘मन की बात’ ने
‘मन की बात’ काय्षक्रम अपनी गुमनाम नायकों को पहचान फदोलाई है।
शुरुआत से ही ज़मीनी स्तर पर इन व्यब्क्तगत कहाफनयों ने न केवल
20
20