Page 25 - MAN KI BAAT HINDI
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ससममफलत हुए। यह बात धयान देने योगय   कषट पाता है। मैंने पहली हृदय प्फतरोपण
          है फक सभी धमषों के गुरुओं ने स्चासममफत   सजचारी करने से लेकर आज तक अपन  े
          से  अंगदान  का  समथचान फकया।  उनहोंन  े  25 ्षषों के कायचाकाल में फकतने ही लोगों
          इस बात पर बल फदया फक कोई भी धमचा   को अंगदान फमलने के बाद सिल जी्न
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          अंगदान की मनाही नहीं करता।        जीते देखा है, लफकन अंगों की कमी होन  े
              हाल में  सरकार के कुछ नीफतगत   के  कारण  हर  कोई  इतना  भागयशाली
          परर्तचान भी अंगदान बढ़ाने में सहायक   नहीं हो पाता। एक तरर् मरीज़ अंगदान
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          हुए  हैं।  पहले  फ्दफशयों  के  फलए  भारत   फमलने की प्तीक्ा में हैं और दूसरी तरर्
          में अंग प्फतरोफपत कर्ाना आसान था,   हम देखते हैं फक हज़ारों लोगों को मृतय  ु
          लफकन अब यह सफ्धा पहले भारतीयों    उपरानत दर्ना फदया जाता है या उनका
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          को  फदए  जाने  का  प्ा्धान  फकया  गया   दाह संसकार कर फदया जाता है, जबफक
          है।  सरकार  का  यह  एक  बहुत  ही   उनके  अंग  न  जाने  फकतने  लोगों  को
          सकारातमक क़दम है।                  जी्न दे सकते थे। यह कमी दूर करन  े
              सरकार ने एक संगफित ढाँचा बनाया   का एक ही उपाय है फक फडफजटल मीफडया
          है, जहाँ वयस्त अंग प्ापत करने के फलए   और मास मीफडया में इस बारे में फनरनतर
          अपना  नाम  सूचीबद्  कर्ा  सकता  है।   चचाचा-पररचचाचा करके लोगों में जागरूकता
          अंगों का आ्ंटन एक सरकारी फनकाय,   लाई जाए। इस काम में धमचागुरुओं का  े
          बहुत ही पारदशकी फ्फध से ्ररषिता सूची   शाफमल करना भी बहुत ज़रूरी है।
          के आधार पर करता है। हर कोई जान       अंगदान के बारे में जागरूकता का
          सकता  है  फक  अगली  बारी  फकस  की   प्सार करना और लोगों को अंगदान के
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          होगी। इस तरह कोई भी अनफचत िायदा   फलए प्ोतसाफहत करना हमारा भी दाफयत्
          नहीं उिा सकता।                    बनता  है।  आज,  कई  प्भा्शाली    य्ा
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              भारत के प्धानमंत्ी बड़े पैमाने पर   अंगदान के बारे में बात करके लोगों में
          लोगों तक पहँच बनाने की कला जानत  े  समझ पैदा करने की कोफशश कर रहे हैं।
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          हैं और उनहोंने अ्सर अपने ‘मन की   इससे जागरूकता बढ़ी है।
          बात’  कायचारिम  में  जफटल  फ्षयों  पर   यह  न््र  संसार  सदा  के  फलए
          भी आम लोगों की भाषा में बात करके   छोड़कर जाने ्ाला भी जी्न का अनुपम
          लाखों लोगों तक पहँच बनाई है। हाल में   उपहार  दे  सकता  है।  अंगदान  के  फलए
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          उनहोंने अमृतसर की एक छोटी-सी बेटी   लोगों को प्ोतसाफहत करने और इस बार  े
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          का उललख फकया, फजसके माता-फपता न  े  में जागरूकता का प्सार करने के फलए
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          उसकी मृतय के बाद उसके अंगदान कर   हम सबको फमलकर काम करना है। गेंद
          फदए थे। प्धानमंत्ी ने अंगदान के फलए   अब हमारे पाले में है। हमें देखना है फक
          एक बड़ी ही भा्ुक अपील की, फजसका    हम अंगों की आ््यकता और दान में
          फनःसनदह  बड़े पैमाने पर असर पड़ेगा।  फमले अंगों की संखया के बीच का अनतर
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              यह  देखकर  मुझे  बहुत  दुख  होता   कैसे  पाट  सकते  हैं।  आइए,  फकसी  की
          है  फक  कई  य्ाओं  के  हृदय  क्फतग्रसत   जान बचाने के फलए फमल कर काम करें
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          हैं। ऐसी पररससथफत में के्ल ्ह य्ा ही   और उसे एक बार फिर से जी्न जीन  े
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          नहीं, उस पर फनभचार उसका परर्ार भी   का अ्सर दें।





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