Page 5 - Mann Ki Baat Hindi
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मेरे प्यारे

                                         देशवयासि्ो






              ‘मन  की  बात’  में  आप  सभी  स  े
            ु
          जड़ना, आप सभी से सीखना, देश के
          लोगों की उपलश्धयों के बारे में जानना,
          ्वाकई  मुझे  बहुत  सुखद  अनुभ्व  देता
          है।  एक-दूसरे  के  साथ  अपनी  बातें
          साझा करते हुए, अपनी ‘मन की बात’
          करते  हुए,  हमें  पता  ही  नहीं  चला  टक
                                       े
          इस  काय्तक्रम  ने  125  एस्िोड  ्ूर
          कर  सलए।  आज  इि  काय्तक्रम  का
          126्वां एस्िोड है और आज के सदन
                         े
          के िाथ कुछ स्वशरताएँ भी जुड़ी हैं।
          आज भारत की दो महान स्वभसतयों की   उनके  स्वभा्व  में  कूट-कूट  कर  भरी
                                 ू
          जयंती है। मैं बात कर रहा हूँ- शहीद   थी। देश के टलए फाँसी के फंदे पर झूलने
          भगत टसंह और लता दीदी की।          से पहले भगत टसंह जी ने अंग्ेजों को एक

              िासथयो, अमर शहीद भगत सिंह,    पत्र भी टलखा था। उनहोंने कहा था टक मैं
          हर भारत्वािी, स्वशेरकर देश के यु्वाओं   चाहता हूँ टक आप मुझे और मेरे साटथयों
                      े
          के  सलए  एक  प्रणा्ुंज  हैं।  सनभभीकता   से युद्धबंदी जैसा वय्वहार करें। इसटलए
                                                    हमारी  जान  फाँसी  से  नहीं,
                                                    सीधा गोली मारकर ली जाए।
                                                    यह उनके अदमय साहस का
                                                    प्रमाण  है।  भगत  सिंह  जी
                                                    लोगों की ्ीड़ा के प्सत भी
                                                    बहुत  ि्वेदनशील  थे  और
                                                           ं
                                                    उनकी मदद में हमेशा आगे
                                                    रहते  थे।  मैं  शहीद  भगत
                                                                      ू
                                                    सिंह  जी  को  आदर््व्तक
                                                                ्त
 प्रतिक्क्रयाए                                      श्रदांजसल अस्त करता हूँ।
 ँ
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