Page 17 - MAAN KI BAAT - HINDI
P. 17
स दसरी ्ीढ़ी तक ्हुँचा रह हैं। ह्ारे हैं तजनहोंन ‘Operation Polo’ रें
रे
रे
रे
मू
्सुतार, लोहार, ्सोनार, कुमहार, ्मूजत्मकार, तहससा तलया था। आ् सबको रालमूर
ृ
बढ़ई- ज्सत्मी, ह्ेशा ्से भारत कमी ्स्जद्ध है तक जब अगसत 1947 (Nineteen
कमी बुजनयाद रहे हैं। हरार इन तवशवकरामा Forty Seven) रें भारत को आज़ादी
रे
ां
बधुओ की रदद के तलए ही सरकार न रे तरली, तो हैदराबाद अलग ही ससथतत
तवशवकरामा योजना भी चलाई है। रें था। तनज़ार और रज़ाकारों के
सातथयो, अब ्ैं आपको एक audio अतयाचार तदन-ब-तदन बढ़त जा रह थ।
रे
रे
रे
recording ्सुनाना चाहता हँ। मू ततरगा फहरान या ‘वद रातरम्’ कहन रे
रे
ां
ां
रे
्र भी रौत के घाट उतार तदया जाता
था। ्जहलाओं और गरमीबों पर अतयाचार
जकए जाते थे। उ्स ्स्य बाबा ्साहेब
“तो ये जो ्ानपत् ्ें आपने जलखा आंबेडकर ने भमी चेतावनमी दमी थमी जक ये
है जक सटेटों के बारे ्ें ्ैंने जो कुछ जकया ्स्सया बहुत बड़मी बनतमी जा रहमी है।
रे
रे
या हैदराबाद के बारे ्ें ह्ारमी गवन्म्ेंट आतखरकार, सरदार ्टेल न रारल को
रे
रे
ने जो कुछ जकया, ठमीक है जकया, लेजकन अ्न हाथ रें तलया। उनहोंन सरकार
आप जानते हैं जक ये हैदराबाद का जकस्सा को ‘Operation Polo’ शुर करन रे
इ्स तरह ्से है, ह्ने जकया, उ्स्ें जकतनमी के तलए तैयार तकया। ररकॉि्ड सरय रें
रे
रे
्बशकल हुई। ्सब सटेटों के ्साथ, ्सब हरारी सनाओं न हैदराबाद को तनज़ार
ु
Princes के ्साथ ह्ने वायदा जदया था की तानाशाही स आज़ाद कराया और
रे
मू
रे
जक भाई कोई Prince का कोई राजा का उस भारत का तहससा बनाया। परे देश
ह् ग़लत फै्सला नहीं करेंगे। ्सबका एक ने इ्स ्सफलता का उत्सव ्नाया।
रे
रे
रे
हमी ्साथ जै्सा ्सबका होता है वै्सा उनका ररेर पयार दशवातसयो, आ् दुतनया
भमी होगा। लेजकन उनके जलए ह्ने वहाँ के तकसी भी कोन रें चल जाए, वहाँ
रे
रे
ां
तक अलग ्स्झौता जकया।” आ्को भारतीय ससककृतत का प्रभाव
ां
सातथयो, ये आवाज लौहपुरुष दखन को जरर तरलगा और ये प्रभाव
रे
रे
रे
्सरदार वललभभाई पटेल कमी है। केवल दुजनया के बड़े शहरों तक ्समीज्त
हैदराबाद कमी घटनाओं पर उनके सवर नहीं है बबलक इ्से छोटे-छोटे शहरों ्ें भमी
्ें जो पमीड़ा है, उ्से आप ्ह्समू्स कर देखा जा ्सकता है। इटली के एक छोटे
रे
रे
रे
रे
्सकते हैं। अगल रहीन तसतबर रें हर स शहर कैम्-रोतोंदो रें ऐसा ही दखन रे
ां
Hyderabad Liberation Day को तरला है। यहाँ रहतषमा वालरीतक जी
भी रनाएग। य वही रहीना है जब हर की प्रततरा का अनावरण तकया गया।
ां
रे
रे
उन सभी वीरों के साहस को याद करत रे इ्स काय्मक्र् ्ें वहाँ के सथानमीय ्ेयर
17 17

