Page 49 - Mann Ki Baat - Hindi
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भी उ्लेि फकया। यह फमया्ाकी ्न     का  समाधान  करने  के  फलए  पहल
          है,  फजसे  2001  के  गुजरात  भूकमप  के   करनी चाफहए।
          पीफड़तों  के  समारक  के  रप  में  बनाया   प्धानमंत्ी  द्ारा  शुर  फकया  गया
          गया िा। यह पररयोजना कच् के लोगों   फमशन  LiFE  (पया्द्रण  के  फलए  जी्न
          की फहममत और फिर से उिने के जज़ब  े  शैली)  भारत  के  यु्ाओं  के  फलए  एक
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          को प्दफश्दत करती है। प्धानमंत्ी ने फजस   शककतशाली  प्रणा  के  रप  में  काय्द
          पररयोजना  की  पररक्पना  फमया्ाकी   करता  है,  जो  फ्कास  हाफसल  करते
          पद्धफत से फनफम्दत एक स्फनिल जंगल के   हुए पया्द्रण की रक्ा के फलए देश की
          रप में की िी, ्ह अब एक ्ासतफ्कता   प्फतबद्धता को प्दफश्दत करता है। फमशन
          बन  गई  है,  जो  देश-फ्देश  से  पय्द्कों   LiFE की पररक्पना पया्द्रण की रक्ा
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          को  आकफर्दत  करती  है।  नयनतम  ्रा्द   और संरक्ण के फलए भारत के नेतत्
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          ्ाली  चट्ानी  पहाफड़यों  के  बीच,  पानी   में ्क््क जन आंदोलन के रप में की
          की कमी और अतयफधक तापमान का        गई है। इस फमशन को अपनाकर हम
          सामना करते हुए यह जंगल 4.3 लाि    ‘्सुधै् कु्ुमबकम्’ को चररताि्द करते
          से अफधक पेड़ों के साि िलता-िकूलता ह  ै  हुए सामूफहक रप से बेहतर दुफनया बनाने
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          और इसे भारत का अमज़ॉन जंगल भी     की फदशा में काम कर सकते हैं।
          कहा जा सकता है। इसने अपने साम्थय्द   हमारे प्धानमंत्ी के समि्दन और
          का  प्दश्दन  करते  हुए  फबपरजॉय  जैस  े  जागरकता  से  फमया्ाकी  तकनीक
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          भयंकर तफ़ानों का भी सामना फकया है।   राष्ट्रीय  सतर  पर  प्ामाफणकता  और
          कच्, जो कभी रण के फलए जाना जाता   मानयता प्ापत कर रही है। के्ल सजा््ी
          िा, अब समफत ्न के फलए भी मशहूर    बगीचों पर धयान केंफद्रत करने के बजाय,
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          हो गया है।                        आइए बच्ों को फमया्ाकी ्न तकनीक
              जल्ायु  परर्त्दन  में  भारत  का   से फशफक्त करें, जो ्ो्ी जगहों में ्ने,
          अग्णी के रप में उभरना और सरकार    फ्फ्ध जंगल बनाने की एक फसद्ध फ्फध
          का  पया्द्रण  संरक्ण  पर  धयान  देना,   है और उनहें आ्ासीय क्त्ों, सककूलों तिा
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          अतयत  महत््पण्द  बात  है।  पेररस   उद्ोगों के पास और नदी या तालाब के
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          समझौते  जैसे  अंतरराष्ट्रीय  सहयोग   फकनारे  फमनी  फमया्ाकी  जंगलों  की
          में हमारी भागीदारी जल्ायु परर्त्दन   सिापना  के  फलए  प्ोतसाफहत  करें।  यह
          को कम करने और संधारणीय भफ्ष्य     साि्दक सनदेश देकर हम यु्ा पीिी को
          बनाने  के  फलए  हमारी  प्फतबद्धता   बदला्  का  चैकमपयन  बनने  और  सभी
          को  दशा्दती  है।  सबसे  तेज़ी  से  बिती   के  फलए  संधारणीय  भफ्ष्य  के  फनमा्दण
          अि्दवय्सिा  के  रप  में  हम  पर  बहुत   की फदशा में सफक्रय कदम उिाने के फलए
          बड़ी फज़ममदारी है और प्धानमंत्ी मोदी   प्ररत कर सकते हैं। एक वयककत और
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          के  नेतत्  में  हमने  ्क््क  मानयता   एक राष्ट्र के रप में हमें अपने पया्द्रण
          प्ापत  की  है।  हमें  अब  इन  बातों  पर   की  फज़ममेदारी  लेनी  चाफहए  और  एक
          आगे  बिना  चाफहए  और  जल्ाय  ु    फ्काऊ तिा हररत भफ्ष्य की फदशा में
          परर्त्दन  तिा  पया्द्रणीय  चुनौफतयों   काम करना चाफहए।

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