Page 38 - MAN KI BAAT HINDI
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एनशया की पहली महहला लरोकरो पायलट
सुरेखा यादव
सुरेखा याद् ने एफशया
की पहली मफहला लोको
पायलट बनकर इफतहास रच
फदया है। लैंफगक रूफढ़यों, कई
चुनौफतयों का सामना करते
हुए सुरेखा ने पुरुष-प्धान क्ेत्
में मफहलाओं के फलए सिलता
का मागचा प्शसत फकया है।
उनकी कड़ी मेहनत, उपलसबधयों और कड़ी मेहनत को देश के सामने रखा है।
उनके काम के प्फत जुनून ने मफहलाओं इस क्ेत् में अपना पहला कदम रखन े
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को फ्फभन्न क्त्ों में आगे बढ़ने के फलए का अ्सर देने के फलए मैं भारतीय रेल
प्ररत फकया है। ्ह यु्ा लड़फकयों और का हृदय से आभार वय्त करना चाहती
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मफहलाओं के फलए रोल मॉडल बन गई हँ। अपनी 34 साल की स्ा में, मैं पहली
हैं, जो लैंफगक रूफढ़्ाफदता को तोड़ने और मफहला मालगाड़ी चालक, पहली मफहला
अपना रासता बनाने की इचछा रखती हैं। डीज़ल इंजन चालक और प्फतसषित ्ंद े
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सुरेखा याद् की यात्ा ्ासत् में भारत ए्सप्स चलाने ्ाली पहली मफहला
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प्रणादायक है। हाल ही में प्धानमंत्ी लोको पायलट बनी हँ और यह मेरे फलए
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नरेनद्र मोदी ने ‘मन की बात’ में उनका फकसी राषट्ीय पुरसकार से कम नहीं है।
उललेख करते हुए उनहें भारत की मुझे पूरी उममीद है फक मेरी
मफहलाओं के फलए एक प्रणा बताया। उपलसबधयाँ मफहलाओं को अपरमपरागत
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दूरदशचान के साथ एक साक्ातकार नौकररयाँ करने और अपने लक्यों को
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में उनहोंने इस सममान को प्ापत करने प्ापत करने के फलए प्ररत करती हैं।”
के फलए आभार वय्त फकया। सुरेखा याद् का अपने काम के
“प्धानमंत्ी की ‘मन की बात’ में प्फत संकलप, दृढ़ता और जुनून अभूतपू्चा
भारत की कुछ सबसे प्ेरक मफहलाओं रहा है, फजसने उनहें एक अपरमपरागत
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के साथ मेरे नाम के उललख ने मेर े क्ेत् में सिलता की सीफढ़याँ चढ़ने में
फदल को ग्चा और कृतज्ाता से भर फदया सक्म बनाया है।
है। मैं सममाफनत और अफभभूत महसूस एफशया की पहली मफहला लोको
कर रही हँ फक इतने ऊचे पद के वयस्त पायलट सुरेखा याद् का इंटरवय ू
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ने मेरी उपलसबध और मेरी 34 साल की देखने के फलए QR कोड सकैन करें।
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