Page 16 - MAN KI BAAT HINDI
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डल झील में नदरू की खेती करने ्ाले   इनकी  सिलता  की  खुशबू  भी  दूर-दूर
        फकसानों ने एक FPO बनाया है। इस FPO   तक िैल रही है।
        में  करीब  250  फकसान  शाफमल  हुए  हैं।   साफथयो, जब क्मीर की बात हो,
        आज ये फकसान अपने नदरू को फ्देशों   कमल  की  बात  हो,  िूल  की  बात  हो,
        तक  भेजने  लगे  हैं।  अभी  कुछ  समय   सुगंध  की  बात  हो,  तो  कमल  के  िूल
        पहले ही इन फकसानों ने दो खेप UAE भेजी   पर  फ्राजमान  रहने  ्ाली  माँ  शारदा
        हैं। ये सिलता क्मीर का नाम तो कर   का  समरण  आना  बहुत  स्ाभाफ्क  है।
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        ही रही है, साथ ही इससे सैकड़ों फकसानों   कुछ फदन प्चा ही कुप्ाड़ा में माँ शारदा
        की आमदनी भी बढ़ी है।               के भवय मसनदर का लोकापचाण हुआ है।
            साफथयो, क्मीर के लोगों का कृफष   ये मसनदर उसी मागचा पर बना है, जहाँ स  े
        से ही जुड़ा हुआ ऐसा ही एक और प्यास   कभी शारदा पीि के दशचानों के फलए जाया
        इन  फदनों  अपनी  कामयाबी  की  खुशब  ू  करते थे। सथानीय लोगों ने इस मसनदर
        िैला रहा है। आप सोच रहे होंगे फक मैं   के फनमाचाण में बहुत मदद की है। मैं जमम- ू
        कामयाबी की खुशबू ्यों बोल रहा हँ,   क्मीर के लोगों को इस शुभ कायचा के
                                     ू
        बात है ही खुशबू की, सुगंध की ही तो   फलए बहुत-बहुत बधाई देता हँ। ू
        बात  है!  दरअसल  जमम-क्मीर  के
                            ू
        डोडा फजले में एक कसबा है ‘भद्र्ाह’।   मेरे पयारे देश्ाफसयो, इस बार ‘मन
        यहाँ  के  फकसान  दशकों  से  म्के  की   की बात’ में बस इतना ही। अगली बार,
        पारमपररक  खेती  करते  आ  रहे  थे,   आपसे  ‘मन  की  बात’  के  सौं्ें  (100्ें)
          े
        लफकन  कुछ  फकसानों  ने  कुछ  अलग   एफपसोड में मुलाकात होगी। आप सभी,
        करने की सोची। उनहोंने, फलोरीकलचर,   अपने सुझा् ज़रूर भेफजए। माचचा के इस
        यानी  िूलों  की  खेती  का  रुख  फकया।   महीने  में  हम  होली  से  लेकर  न्राफत्
        आज यहाँ के करीब 25 सौ फकसान (ढाई   तक,  कई  प्चा  और  तयोहारों  में  वयसत
                     ै
        हज़ार फकसान) ल्ेंडर की खेती कर रह  े  रहे  हैं।  रमजान  का  पफ्त्  महीना  भी
        हैं। इनहें करेंद्र सरकार के एरोमा फमशन   शुरू हो चुका है। अगले कुछ फदनों में श्ी
        से मदद भी फमली है। इस नई खेती न  े  राम न्मी का महाप्चा भी आने ्ाला है।
        फकसानों  की  आमदनी  में  बड़ा  इजार्ा   इसके बाद महा्ीर जयंती, गुड फ्ाइडे
        फकया है और आज ल्ेंडर के साथ-साथ   और इसटर भी आएँगे। अप्ल के महीने
                                                              ै
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