Page 65 - Mann Ki Baat - Hindi
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तब आया, जब प्धानमंत्ी नरनद्र मोदी मैंने 2017 में फ्कफसत और लॉनच फकया
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ने ‘मन की बात’ में हमारी इस पहल िा, उसकी मदद से दफनया भर में फ्द्ािजी
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का उ्लेि फकया। इस मानयता से मैं बफनयादी नतय फदनचया्द का अभयास
अफ्््सनीय रप से सममाफनत हुई। यह कर सकते हैं। यह पारमपररक कला
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कहानी कहने की कला के माधयम स े और आधफनक तकनीक का एक संदर
ु
भारत की सममृद्ध सांसकृफतक फ्रासत को सकममश्ण है, जो फ्द्ाफि्दयों को अपन े
संरफक्त करने और साझा करने के हमार े गफतक्रम से अन्ेरण करने और सीिन े
प्यासों का सतयापन िा। मेरा दमृि फ्््ास में सक्म बनाता है।
है फक कहाफनयाँ हमारी जड़ों से जुड़ने और प्शासन में कररयर से लेकर
हमारी फ्रासत को अगली पीिी तक एक प्फसद्ध शासत्ीय नत्दकी बनने
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पहँचाने का एक सशकत माधयम हैं। और कहानी कहने की ्कालत करने
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कुट्ी कहानी तक पहँचने की मेरी तक की मेरी यात्ा ने मुझे कला और
यात्ा चुनौफतयों से रफहत नहीं रही। 2008 मान्ीय भा्ना की परर्त्दनकारी शककत
में मुझे पता चला फक मुझे सतन कैंसर का सबक फदया है।
है, इसने शुरुआत में मुझे फहलाकर रि कुट्ी कहानी और भरतनाट्म ऐप
फदया, लफकन मैंने तय फकया फक इस े जैसी पहल के माधयम से मैं भारतीय
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िुद को पररभाफरत नहीं करने दँगी और संसकृफत, फ्रासत और कहानी कहने के
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मैंने शककत तिा प्रणा के स्ोत के रप महत्् को बिा्ा देने के फलए प्फतबद्ध
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में अपनी कला और नमृतय की ओर रुि हँ। मेरा मानना है फक बच्ों को उनकी
फकया। इलाज के दौरान भी मैंने नमृतय जड़ों से जोड़कर और उनकी प्फतभा को
करना और फसिाना जारी रिा। नमृतय फनिारकर हम अपने देश और इसकी
की लय और धुन ने कैंसर के कारण मेर े फ्फ्ध कलातमक परमपराओं के फलए
जी्न में आए भय और अफनक्चतता को उज््ल भफ्ष्य बना सकते हैं।
दूर करने में मदद की।
इसके अफतररकत मैंने अनय कला आनंदा शंकर र््यंत को सुनने के
रपों को बिा्ा देने के फलए प्ौद्ोफगकी चिए QR कोड सककैन करें
को अपनाया है। भरतनाट्म ऐप, फजस े
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