Page 47 - Mann Ki Baat - Hindi
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की क्ाई और पोरक तत्ों की कमी भलाई के फलए फमया्ाकी तकनीक का
्ाली फमट्ी पर भी फ्फ्ध ्नों का तेज़ी उपयोग करके समूचे भारत में ्नरोपण
से फ्कास होता है। करना है। हम न्ोन्ेरी फमया्ाकी फ्फध
फमया्ाकी ्न कई लाभ प्दान को अपनाते हैं, जो ्नरोपण के फलए
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करते हैं और स्सि पाररकसिफतकी तत् एक समा््ट, शत- प्फतशत जैफ्क, जंगली
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को बनाए रिने में महत््पण्द भफमका और आतमफनभ्दर दमृकष््कोण है। िॉरेस्
फनभाते हैं। ये ्न प्ाकृफतक ्ायु फि््र फक्रए्स्द में हम फ्कास और प्ाकृफतक
के रप में काय्द करते हैं, ह्ा को शुद्ध पया्द्रण के सामंजसयपूण्द सह-अकसतत्
करते हैं और काब्दन डाईऑकसाइड ह्ान े में दमृिता से फ्््ास करते हैं। हमारा
में सहायता करते हैं। फमया्ाकी ्न ्ायु, फमशन तेज़ी से फ्कफसत हो रही हमारी
जल और जी्न के संरक्ण के फलए दुफनया के सनदभ्द में ्नों को फिर से
एक अनुकरणीय मॉडल के रप में काय्द पररभाफरत करना है, जहाँ हम प्गफत और
करते हैं। प्कृफत के संरक्ण के फलए प्यास करते
हम इस अ्धारणा को अपनाने के हैं। फमया्ाकी के माधयम से हम न के्ल
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फलए प्ररत हुए, कयोंफक हमारा मानना है ्नीकरण करते हैं, बक्क एक अनोिे
फक आफि्दक फ्कास की हमारी कोफशश तरीके से पमृ्थ्ी के नाज़ुक पाररकसिफतकी
पया्द्रण की कीमत पर नहीं होनी तंत् की बहाली में भी योगदान देते हैं।
चाफहए। इस फ्चारधारा के साि हमने 2014 के बाद से हम फमया्ाकी तकनीक
एक एनजीओ ‘िॉरेस् फक्रए्स्द’ शुर का उपयोग करके 12 राजयों में 20 लाि
फकया। हमारा लक्य भा्ी पीफियों की से अफधक पेड़ लगाकर 109 फमया्ाकी
मियावाकी वन वायु,
जल और जीवन के
संरषिण के मलए एक
अनुकरणीय िॉडल के
रूप िें काय्य करते हैं।
-दीपेन जैन
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