Page 43 - Mann Ki Baat - Hindi, February,2023
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हेलथ एंड वे्नेस सेंटर (AB-HWC) और   दराज़ इ्ाकों में रहने वा्े ्ोगों के प्ए
          ई-संजीवनी OPD में उि््ध है।       वरदान  बनकर  आ्या  है।  इससे  िह्े
              ई-संजीवनी आ्यष्मान भारत हेलथ   ्ोगों को असिता् तक िहुँचने के प्ए
                          ु
          एंड  वे्नेस  सेंटर,  अकससटेड  टे्ी-  कई पक्ोमीटर जाना िड़ता था। उनहें
          कंसलटेशन प्दान करके ग्रामीण-शहरी   ्मबी कतारों में इंतज़ार करना िड़ता था,
          पडपजट् हेलथ पडवाइड को कम करने     काम िर न होने के कारण अिनी दैपनक
          का प््यास करता है। ्यह वपट्डक् हब-  मज़दूरी खोनी िड़ती थी और आने-जाने
          एंड-सिोक  मॉड्  िर  काम  करता  है।   के पकराए और िरीक्णों िर िैसा खच्म
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          इसमें AB-HWC राज्य सतर िर सथापित   करना  िड़ता  था,  ्पकन  ई-संजीवनी
          पकए जाते हैं। ्ये सिोक के रूि में का्य्म   ऐि  से  टे्ी-कंसलटेशन,  ्यानी  दूर  बैठे
                                                      ें
          करते हैं, पजनहें हब के साथ मैि पक्या   वीपड्यो कॉनफ्स के माध्यम से डॉ्टर
          जाता है। इसमें ़जोन् सतर िर डॉ्टर   से अिनी बीमारी के बारे में स्ाह ्े
          और  पवशे्ज्ा  शापम्  हैं।  ई-संजीवनी   सकते हैं और अब ्ोग पबना कोई िैसा
          OPD ग्रामीण और शहरी, दोनों क्ेत्रों में   खच्म पकए पवशे्ज्ा से कंसलटेशन अिने
          समान रूि से नागररकों को सेवाएँ प्दान   िर  िर  ही प्ापत  कर सकते हैं।  इसके
          करता  है।  इसमें  समाट़्मफोन,  टैब्ेट   अ्ावा  कोपवड-19  महामारी  के  सम्य
          आपद जैसी तकनीक का इसतेमा् पक्या   जब ्ोग पडप्शन जैसी अनेक मानपसक
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          जाता है, तापक मरीज़ों के रहने के सथान   सवास्थ्य समस्याओं से िीपड़त थे, ््योंपक
          िर डॉ्टर से िरामश्म ्ेने की सुपवधा हो,   एहपत्यात के तौर िर ्गभग िूरी दुपन्या
          चाहे वे कहीं भी रहें।             को  एक-दूसरे  से  अ्ग-थ्ग  कर
              ई-संजीवनी देश के ग्रामीण और दूर-  पद्या ग्या था; ऐसे सम्य में ई-संजीवनी

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