Page 5 - Mann Ki Baat Hindi August 2023
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मेरे प्यारे पररवयारजनो, नमस्यार।






              ‘मन की बात’ के अगसत एपिसोड       अभी तो सूरि उगा है।
          में  आिका  एक  बार  पिर  बहुत-बहुत   आसमान में पसर उठाकर
          स्ागत है। मुझे याद नहीं िड़ता पक कभी   घने बादलों को चीरकर
          ऐसा  हुआ  हो,  पक  सा्न  के  महीने  में,   अभी तो सूरि उगा है।
          दो-दो बार ‘मन की बात’ का काय्यक्रम
          हुआ, लेपकन इस बार ऐसा ही हो रहा है।   मेरे  िरर्ारिनो,  23  अगसत  को
          सा्न यानी महापि् का महीना, उतस्   भारत  ने  और  भारत  के  चंद्रयान  ने  ये
          और  उललास  का  महीना।  चंद्रयान  की   सापबत  कर  पदया  है  पक  संकलि  के
          सिलता ने उतस् के इस माहौल को      कुछ सूरि चाँद िर भी उगते हैं। पमिन
          कई  गुना  बढ़ा  पदया  है।  चंद्रयान  को   चंद्रयान नए भारत की उस कसिररट का
          चन्द्रमा िर िहुँचे, तीन पदन से ़जयादा का   प्रतीक बन गया है, िो हर हाल में िीतना
          समय हो रहा है। ये सिलता इतनी बड़ी   चाहता है और हर हाल में िीतना िानता
          है पक इसकी पितनी चचा्य की िाए, ्ो   भी है।
          कम है। िब आि आिसे बात कर रहा         सापथयो,  इस  पमिन  का  एक  िक्ष
          हूँ तो एक िुरानी मेरी कप्ता की कुछ   ऐसा  भी  रहा,  पिसकी  आि  मैं  आि
          िंक्तयाँ याद आ रही हैं...         सब के साथ प्िेष तौर िर चचा्य करना
              आसमान में पसर उठाकर           चाहता हूँ। आिको याद होगा इस बार मैंने
              घने बादलों को चीरकर           लाल पकले से कहा है पक हमें ्ीमेन लेड
              रोिनी का संकलि ले             डे्लिमेंट को राष्ट्ीय चररत्र के रूि में
              अभी तो सूरि उगा है।           सि्त  करना  है।  िहाँ  मपहला  िक्त
              दृढ़ पनशचय के साथ चलकर         का सामरय्य िुड़ िाता है, ्हाँ असमभ्
              हर मुकशकल को िार कर           को  भी  समभ्  बनाया  िा  सकता  है।
              घोर अँधेरे को पमटाने

                                चंद्रयान-3













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