Page 16 - Mann Ki Baat Hindi August 2023
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रतत् दूध उत्ादन
गौशालाओं का संरक्षण, भविष्य का पोषण
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िहले मुझे गिरात की बनास डेयरी के लग िाते थे, ्ो अब आधे से भी कम
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एक इंट्ेकसटंग इपनपिएपट् के बारे में समय में िहँच रहा है। इससे िहाँ ईंधन
िानकारी पमली। बनास डेयरी, एपिया से होने ्ाला प्रदूषण रुका है, ्हीं ईंधन
की सबसे बड़ी डेयरी मानी िाती है। का खच्य भी बच रहा है। इससे बहुत बड़ा
यहाँ हर रोज़ औसतन 75 लाख लीटर लाभ ट्कों के ड्ाइ्रों को भी हुआ है,
दूध प्रोसेस पकया िाता है। इसके बाद उनका िी्न आसान बना है।
इसे दूसरे राजयों में भी भिा िाता है। सापथयो, कलेक्ट् एिरस्य से
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दूसरे राजयों में यहाँ के दूध की समय आि हमारी डेयरीज़ भी आधुपनक सोच
िर पडली्री हो, इसके पलए अभी तक के साथ आगे बढ़ रही हैं। बनास डेयरी ने
टैंकर या पिर पमलक ट्ेनों का सहारा िया्य्रण संरक्षण की पदिा में भी पकस
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पलया िाता था, लपकन इसमें भी तरह से कदम आगे बढ़ाया है, इसका
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चुनौपतयाँ कम नहीं थीं। एक तो यह पक िता सीडबॉल ्क्षारोिण अपभयान से
लोपडंग और अनलोपडंग में समय बहुत चलता है। ्ाराणसी पमलक यूपनयन
लगता था और कई बार इसमें दूध भी हमारे डेयरी िाम्यस्य की आय बढ़ाने के
ख़राब हो िाता था। इस समसया को दूर पलए मनुरे मैनेिमेंट िर काम कर रही
करने के पलए भारतीय रेल्े ने एक है। केरला की मालाबार पमलक यूपनयन
नया प्रयोग पकया। रेल्े ने िालनिुर डेयरी का प्रयास भी बेहद अनूठा है। यह
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से न्य र्ाड़ी तक ट्क-ऑन-ट्रैक की ििुओं की बीमाररयों के इलाि के पलए
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सप्धा िुरू की। इसमें दूध के ट्कों को आयु्गेपदक मेपडपसन्स प्कपसत करने
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सीधे ट्ेन िर चढ़ा पदया िाता है, यानी में िुटी है।
ट्ासिोटटेिन की बहुत बड़ी पद्कत सापथयो, आि ऐसे बहुत स े
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इससे दूर हुई है। ट्क-ऑन-ट्रैक सप्धा लोग हैं, िो डेयरी को अिना कर इस े
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के नतीज़ बहुत संतोष देने ्ाले रहे हैं। डाइ्सथीिाई कर रहे हैं। रािसथान के
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िहले पिस दूध को िहँचाने में 30 घंटे कोटा में डेयरी िाम्य चला रहे अमनप्रीत
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