ववरासत और ववकास ै ू यही ववरासत ह िो समयानुकल पवरवत्चन करने की ै ै आदत रखती ह। जनत्य नूतन स्वीकारती रही ह। े इसललए इस ववरासत क प्तत हमें गव्च होना चावहए। 94 - नरन्द् मोदी े