Page 62 - 9 Years Seva, Sushasan Garib Kalyan
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र्पछले नौ वर्षों क दौरान नरेंद्र - ई-संजरीवनरी दश क स्ास्थ् क्ेत् ननण्षय ने र्चनकत्ा र्शक्ा क क्ेत् मेें
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मेोदरी सरकार क ललए स्ास्थ् और मेें काफी बदलाव ला रहा है। इसक भ्रटिाचार को समेाप्त कर र्दया है। ‘न्यू
आरोग्य क्ेत् प्रमेुख मेद्ों मेें से एक रहा मेाध्यमे से 10 करोड़ से अर्धक इनिया’ मेें साधारण पृठिभूतमे से आये
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है। टरीकों की 220 करोड़ से अर्धक लाभार्थी अपने घर से हरी गुणवत्ापूण्ष प्रतिभाशालरी छात् भरी अब िॉक्टर
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खुराक दने और जरूरि क समेय स्ास्थ् सेवा प्राप्त करने मेें सक्मे बनने का सपना पूरा कर सकिे हैं।
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दुननया को भाररी संख्या मेें टरीकों का हुए हैं, र्जसने तवशेर्ज् र्चनकत्ा कोतवि-19 मेहामेाररी पर भारि
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ननया्षि करने क सार्-सार् वैश्श्क दखभाल सेवाओं मेें शहररी-ग्रामेरीण की त्वररिऔर प्रभावरी प्रतिर्रिया
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मेहामेाररी से भारि की जरीि मेें यह अिर को पाटा है। 700 से अर्धक को दुननया क सबसे बड़ टरीकाकरण
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मेहत्वपूण्ष घटक रहा है। र्जलों मेें ब्स्थि 9000 से अर्धक अर्भयान क रोलआउट द्ारा मेजबूिरी
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सभरी क ललए सुलभ और सस्री जन और्र्ध कद्र सभरी को सस्री और तमेलरी, वह भरी स्दशरी रूप से
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स्ास्थ् सेवा सरकार की प्रार्तमेकिा गुणवत्ापूण्ष जेनेररक दवाएं उपलधि तवकर्सि टरीकों का उपयोग करक।
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रहरी है और भारि क नागररकों क करा रहे हैं। अिरीि से एक ऐतिहार्सक बदलाव
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ललए एक वास्तवकिा बन गई है। सरकार टरीक से रोक जा सकने मेें, जब नागररकों को टरीकाकरण
पहले, कमे आय वाले पररवारों क वाले नकसरी भरी रोग से लोगों को अर्भयान शुरू करने क ललए दशकों
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ललए र्चनकत्ा पर होने वाले खच्ष बचाने क ललए प्रतिबद्ध है। इस संबंध िक इंिजार करना पड़िा र्ा,
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भाररी आर्र्क बोझ िाल दिा र्ा और मेें तमेशन इद्रधनुर् क तवर्भन्न चरणों प्रधानमेंत्री मेोदरी क नेिृत्व वालरी
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अक्सर उन्हें कज्ष क जाल मेें फसा मेें 4.45 करोड़ बच्चों और 1.2 करोड़ सरकार ने दो साल की छोटरी अवर्ध
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दिा र्ा। 2018 मेें मेोदरी सरकार ने गभ्षविरी मेर्हलाओं को 12 बरीमेाररयों मेें कोतवि वैक्सरीन की 2.2 तबललयन
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आयुष्ान भारि - प्रधानमेंत्री जन क टरीक लगाये जा चुक है। इस से अर्धक खुराक का टरीकाकरण
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आरोग्य योजना क रूप मेें दुननया का ललक्ि सरकाररी पहल क कारण दश सुननश्चिि नकया।
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सबसे बड़री स्ास्थ् बरीमेा काय्षरिमे मेें मेािृ मेृत् दर जो 2014-16 मेें यह र्पछले नौ वर्षों मेें भारि ने स्ास्थ्
की शुरुआि की र्री। यह योजना दर 130 प्रति लाख जन् से घट कर सेवा क क्ेत् मेें काफी प्रगति की
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लगभग 22 करोड़ भारिरीयों को 2018-20 मेें यह दर 97 प्रति लाख है। ऐसरी सरकार जो स्ास्थ् सेवा मेें
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र्चनकत्ा पर खच्ष क बोझ से बड़री जन् हो गयरी है। ननवेश करिरी है, वह अपने लोगों मेें
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राहि द रहरी है। इसक अलावा, मेोदरी सरकार द्ारा र्चनकत्ा र्शक्ा ननवेश करिरी है और इस प्रकार नरेंद्र
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आयुष्ान भारि निर्जटल तमेशन क क्ेत् मेें एक मेहत्वपूण्ष बदलाव मेोदरी क नेिृत्व वालरी सरकार वास्व
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(एबरीिरीएमे) निर्जटल रूप से जुड़ े लाया गया है। सरकाररी कॉलेजों मेें लोगों की, लोगों क ललए और
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स्ास्थ् सेवा पाररब्स्थतिकी ित् क की संख्या मेें कमेरी, ननजरी मेनिकल लोगों द्ारा बनायरी गयरी सरकार है।
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ननमेा्षण क लक्ष् को साकार कर रहा कॉलेजों की भाररी फीस, और सरीट
है। आवंटन मेें बड़ पैमेाने पर भ्रटिाचार ने * * *
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25 करोड़ से अर्धक लोगों क र्चनकत्ा र्शक्ा क अवसरों को गंभरीर
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स्ास्थ् ररकॉि को उनक आयुष्ान रूप से सरीतमेि कर र्दया र्ा। र्पछले
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भारि स्ास्थ् खािों (एबरीएचए) नौ वर्षों मेें मेोदरी सरकार द्ारा कई
से जोड़ा गया है। निर्जटल रूप से राज्ों मेें नए एम्स और बड़री संख्या
उपलधि स्ास्थ् ररकॉि एबरीएचए मेें नए मेनिकल कॉलेजों की स्थापना
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धारकों को एबरीिरीएमे नेटवक मेें की गयरी है। इनमेें पूववोत्र मेें असमे
कागज रर्हि स्ास्थ् सेवाओं का मेें अब िक का पहला एम्स शातमेल
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लाभ उठाने मेें सक्मे बनाएगे। है। इसक अलावा, भारिरीय र्चनकत्ा
पररर्द को राष्ट्रीय र्चनकत्ा आयोग
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सरकार का टेलरीमेनिर्सन काय्षरिमे से बदले जाने क सरकार क साहर्सक
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54 नौ साल- सेवा, सुशासन और गरीब कल्ाण