संगठन का विवरण, कार्यप्रणाली तथा कार्य
संगठन के बारे में
विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय (विदृप्रनि), सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की माध्यम इकाई, भारत सरकार की एकमात्र नोडल बहु-माध्यम विज्ञापन एजेंसी है। यह मंत्रालयों/विभागों तथापि उनके अंतर्गत आने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा स्वायत्त संस्थाओं की संप्रेषण संबंधी आवश्यकताओं के लिए प्रबंध करता है ता एक ही स्थान पर लागत-प्रभावी सेवा प्रदान करता है।
विदृप्रनि सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों, संदेशों तथा उपलब्धियों के बारे में ग्रामीण तथा शहरी लोगों को सूचित और शिक्षित करता है तथा उन्हें प्रेरणा प्रदान करने में सहायता करता है। यह संप्रेषण के आधुनिक तथा परम्परागत माध्यमों, जैसे कि प्रेस विज्ञापन, श्रव्य-दृश्य माध्यम, मुद्रित सामग्री, बाह्य आरूपों, प्रदर्शनियां तथा मास मेलिंग का प्रयोग करके लोगों तक पहुंचता है। विदृप्रनि को समन्वित तथा केंद्रित अभियान के लिए संप्रेषण के विभिन्न माध्यमों का प्रयोग करते हुए समेकित माध्यम उपागम के साथ अखिल भारतीय आधार पर अभियानों का संचालन करने की महारत हासिल है।
विदृप्रनि के लक्ष्य तथा उद्देश्य
- बहु-माध्यम प्रचार के द्वारा सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों तथा उपलब्धियों के बारे में लोगों को सूचित व शिक्षित करना।
- संदेशों का बृहत तथा लागत प्रभावी संभव प्रचार करना।
- ग्राहक मंत्रालयों/विभागों को बेहतर सेवा उपलब्ध करना।
- ग्राहक समाचारपत्रों/एजेंसियों के साथ मधुर, पारदर्शी तथा संतोषजनक संबंध सुनिश्चित करना।
- संदेश, लक्ष्य, संसाधनों, ग्राहक की आवश्यकता इत्यादि को ध्यान में रखते हुए समाचारपत्रों/एजेंसियों के मध्य विज्ञापन जारी करने में निष्पक्षता तथा संतुलन बनाए रखना।
- बेहतर, द्रुत तथा अधिक प्रभावी प्रचार के लिए तकनीकी के साथ कदम से कदम मिलाना।
विदृप्रनि का दृष्टिकोण
विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय का लक्ष्य बहु-माध्यम प्रचार के द्वारा सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों, संदेशों तथा उपलब्धियों का प्रभावी प्रसार करना है। यह लोगों को प्रेरित करने के लिए देश के कोने-कोने में पहुंचने के लिए प्रचार के आधुनिक तथा परम्परागत माध्यमों को सृजनात्मक तथा लागत प्रभावी तरीके से प्रयोग करता है तथा सामाजिक परिवर्तन के लिए एक एजेंट की भूमिका निभाता है।
विदृप्रनि का संक्षिप्त इतिहास
विदृप्रनि के उद्भव के संकेत द्वितीय विश्व युद्ध के समय में देखे जा सकते हैं। द्वितीय विश्व युद्ध आरंभ होने के तुरंत बाद, तत्कालीन भारत सरकार ने एक मुखय प्रेस सलाहकार को नियुक्त किया। अन्य कार्यों के अलावा, विज्ञापन भी मुखय प्रेस सलाहकार की जिम्मेदारी थी। जून 1941 में मुखय प्रेस सलाहकार के अधीन विज्ञापन परामर्शदाता के पद का सर्जन किया गया। यहां से विदृप्रनि का उद्भव हुआ। 1 मार्च 1942 को विज्ञापन परामर्शदाता कार्यालय सूचना और प्रसारण विभाग की विज्ञापन शाखा बन गया। इस विज्ञापन इकाई के कार्यक्षेत्र, कार्यप्रणाली तथा गतिविधियों से विस्तार के देखते हुए 1 अक्तूबर 1955 को इसे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का संबद्ध कार्यालय घोषित किया गया। तथा इस कार्यालय को विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय का नाम दिया गया। बाद में 4 अप्रैल 1959 को महानिदेशक/निदेशक, विदृप्रनि को विभाग प्रमुख घोषित कियागया। इस घोषणा के परिणाम स्वरूप विदृप्रनि को वित्तीय तथा प्रशासनिक शक्तियां सौंप दी गई।
विदृप्रनि के कार्य तथा कर्त्तव्य
- मंत्रालयों/विभागों तथा केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों/स्वायत्त संस्थाओं के लिए नोडल बहु-माध्यम विज्ञापन एजेंसी के रूप में कार्य करना तथा उनकी प्रचार संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायता देने के अलावा संप्रेषण नीतियां/मीडिया योजना बनाने में उनकी सहायता करना।
- सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों तथा उपलब्धियों का प्रचार करना।
- सरकार के विज्ञापनों को जारी करने के लिए समाचारपत्रों/पत्रिकाओं का पैनल तैयार करना तथा उनके साथ दर अनंबंध करना।
- प्रकाशन के पैनल तैयार करने के लिए पैनल सलाहकार समिति की बैठकों का आयोजन करना।
- दर संरचना फार्मूले का पुनरीक्षण करने के लिए समय-समय पर दर संरचना समिति की बैठकों का आयोजन करना।
- प्रेस विज्ञापनों के लिए डिजाइन/आर्टवर्क की योजना, कल्पना तथा तैयारी करना।
- वर्गीकृत/सजावटी विज्ञापनों को जारी करना।
- मुद्रण कार्य के लिए मुद्रकों/डायरी मेकरों का पैनल तैयार कना।
- पोस्टर, बुकलेट, फोल्डर, डायरियां, कैलेंडर, वॉल हैंगिंग हत्यादि मुद्रित सामग्री की अंग्रेजी, हिंदी तथा क्षेत्रीय भाषाओं में योजना, डिजाइनिंग, उत्पादन तथा वितरण करना।
- बाहरी प्रचार एजेंसियों का पैनल बनाना।
- बाह्य फॉर्मेटों जैसे कि एनिमेशन डिस्प्ले, सिनेमा स्लाइड, क्योस्क, होर्डिंग, भित्ति चित्र, बस/टे्रेन पैनल, बस क्यू-शेल्टर इत्यादि के डिस्प्ले के माध्यम से उत्पादन तथा प्रचार करना।
- प्रदर्शनियों की योजना, रचना तथा संगठन।
- श्रव्य/दृश्य निर्माण कार्य देने के लिए श्रव्य तथा दृश्य निर्माताओं का पैनल तैयार करना।
- श्रव्य-दृश्य स्पॉट्स/कार्यक्रमों की योजना, निर्माण तथा प्रसारण करना।
- रेडियो/टी.वी. स्पॉट्स/कार्यक्रमों के प्रसारण के लिए रेडियो/टी.वी. चैनलों के साथ दर अनुबंध करना।
- समाचारपत्रों, निर्माताओं, मुद्रकों इत्यादि को स्वयं अपनी निधि अथवा ग्राहक मंत्रालयों/विभागों की निधि से भुगतान करना।
- विदृप्रनि से संबंधित सतर्कता, बजट तथा लेखों मामलों के अलावा अधिकारियों/कर्मचारियों का प्रशासनिक तथा कार्मिक प्रबंधन।
विदृप्रनि द्वारा दी जाने वाली सेवाएं
- प्रचार संबंधी मामलों पर केंद्र मंत्रालयों/विभागों को सलाह।
- ग्राहक मंत्रालयों/विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों/स्वायत्त संस्थाओं के लिए मीडिया योजना/कार्यनीति प्रतिपादित करना।
- प्रचार सामग्री का डिजाइन/निर्माण/जारी करना।
- प्रेस विज्ञापनों, मुद्रित सामग्री बाह्य फारेमेटों, प्रदर्शनियों तथा श्रव्य-दृश्य स्पाट्स के माध्यम से बहु-माध्यम प्रचार।
- प्रचार सामाग्री का वितरण।
जनता से अपेक्षा
- सरकार की पॉलिसियों तथा कार्यक्रमों के बारे में जनता बेहतर अवगत हो।
- प्रचार प्रयास सामाजिक रूप से उपयोगी तथा विकास व सौहाद्र के लिए उत्पादन कार्य करते हैं।
- प्रचार अभियानों के सुधार के लिए फीडबैक देना।
जनता की भागीदारी के लिए व्यवस्था
परामर्श/जनता की भागीदारी के लिए विदृप्रनि के पास उपलब्ध व्यवस्थाओं की जानकारी अध्याय v में दी गई है।
सेवा प्रदान करने तथा लोक शिकायत के लिए अनुवीक्षण तंत्र
निदेशालय ने लोक शिकायत निवारक तंत्र बनाने के अलावा सेवा प्रदान करने के लिए समय, प्रतिमानक तथा मानक बनाने के लिए नागरिक घोषणापत्र तैयार व परिचालित किया है। निदेशालय ने एक वरिष्ठ अधिकारी, श्री एस.पी. दास, संयुक्त निदेशक को नागरिक घोषणापत्र के कार्यान्वयन तथा अनुवीक्षण के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया है जिन्हें निदेशालय स्तर पर लोक शिकायत अधिकारी का पद भी दिया गया है। नागरिक घोषणापत्र का नोडल अधिकारी प्रदान की जाने वाली सेवाओं के प्रतिमानकों/मानकों के कार्यान्वयन तथा अनुवीक्षण के लिए जिम्मेदार होता है। अनुवीक्षण रिर्पोटों/फीडबैक इत्यादि के आधार पर प्रत्येक दो वर्षों में घोषणापत्र का पुनर्विलोकन किया जाता है।
मुखयालय में विदृप्रनि का ढांचा
अपने प्रकार्यों को करने तथा अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए निदेशालय के नई दिल्ली स्थित मुखयालय में कई स्कंध हैं जैसे प्रशासन, सतर्कता तथा लेखा स्कंध के अलावा मुखयालय सूचना भवन, फेस ।v,सी.जी.ओ. काम्पलैक्स, लोदी रोड, नई दिल्ली-3 तथा बी-ब्लॉक बैरेक्स, के.जी. मार्ग, नई दिल्ली-। में स्थित है।
मुखयालय के बाहर का ढांचा
देशभर में विदृप्रनि के कार्यालयों का जाल फैला हुआ है। इसके बेंगलुरू तथा गुवाहाटी में दो प्रादेशिक कार्यालय हैं जो कि क्रमशः दक्षिणी तथा पूर्वी क्षेत्रों में निदेशालय की गतिविधियों को समन्वित करते हैं। इसके अलावा कोलकाता तथा चेन्नई में दो प्रादेशिक वितरण केंद्र हैं जो कि इन क्षेत्रों में प्रचार सामग्री के वितरण का कार्य देखते हैं। निदेशालय का चेन्नई स्थित क्षेत्रीय प्रदर्शनी कार्यशाला तथा गुवाहाटी स्थित प्रदर्शनी किट उत्पादन केंद्र के साथ-साथ 35 क्षेत्रीय प्रदर्शनी इकाइयों का जाल है। प्रादेशिक/क्षेत्रीय कार्यालयों के पते इस पुस्तिका के अध्याय ।v में दिए गए हैं।
कार्यालय का समय (सोमवार से शुक्रवार)
कार्य करने का समय 9.30 प्रातः से 6.00 सांय
मध्याह्न : 1.30 अपराह्न से 2.00 अपराह्न