सुनिए एक बात पूछे। आपको अपनी मां की चिंता होती है। मुझे भी होती है। वो हमारे घर में ना लकड़ी का झूला हुआ करता था। तो मां बेचारी खांस-खांस कर आदी हो जाती थी। पर जब से घर में गैस आई है ना तब से बड़ा ही आराम मिला है मां को। सुना है मोदी जी ने बेची है गैस। बढ़िया काम किया है मोदी जी ने। ऐसी ही साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा मांओं को पहली बार कुकिंग गैस मिली है। बात साफ है, एक एक व्यक्ति की शक्ति तरक्की में बदल रही है। तभी तो जो देश में दशकों तक नहीं हुआ, वो सिर्फ 48 महीनों में हुआ है।